Mullah Abdul Ghani Baradar Meet ISI Chief: तालिबान ने सोमवार को पुष्टि की है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद ने उसके नेता मुल्ला अब्दुल गनी बरादर से मुलाकात की. अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा सरकार बनाने की कोशिशों के बीच हमीद ने बरादर से मुलाकात की है. इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल हमीद पिछले हफ्ते अचानक काबुल पहुंचे और अगस्त मध्य में काबुल की राजधानी पर तालिबान के कब्जा करने के बाद वह अफगानिस्तान पहुंचने वाले एक मात्र उच्च पदस्थ विदेशी अधिकारी हैं.
काबुल में सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने पुष्टि की कि आईएसआई प्रमुख ने मुल्ला बरादर से काबुल दौरे के दौरान मुलाकात की. यह खबर बीबीसी उर्दू ने दी है. इसने कहा कि तालिबान ने इस्लामाबाद को आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ नहीं होगा.
तालिबान ने की ISI चीफ से मुल्ला बरादर की मुलाकात की पुष्टि
इससे पहले, पाकिस्तान की मीडिया ने खबर दी थी कि तालिबान के निमंत्रण पर लेफ्टिनेंट जनरल हमीद के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल काबुल पहुंचा है, लेकिन तालिबान ने कहा कि इस्लामाबाद ने उनकी काबुल यात्रा का प्रस्ताव दिया था. तालिबान ने रविवार को कहा कि काबुल और इस्लामाबाद के द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार लाने के लिए हमीद अफगानिस्तान आए हैं.
तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप-प्रमुख अहमदुल्ला वासिक ने कहा कि तालिबान के नेताओं ने लेफ्टिनेंट जनरल हमीद से द्विपक्षीय संबंधों और अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के बीच तोरखाम तथा स्पिन बोलडाक दर्रों में अफगान यात्रियों को होने वाली समस्याओं के बारे में बातचीत की. तुलु न्यूज ने वासिक के हवाले से कहा, ‘‘पाकिस्तान के अधिकारी सीमावर्ती इलाकों और खासकर तोरखाम एवं स्पिन बोलडाक में अफगान यात्रियों की समस्याओं का समाधान करने आए हैं. वे (उनकी काबुल यात्रा) चाहते थे और हमने स्वीकार कर लिया.’’
आईएसआई चीफ का काबुल दौरे से विवाद
इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के प्रमुख फैज हमीद द्वारा तालिबान नेताओं से मिलने के लिए अघोषित रूप से काबुल जाने के बाद अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान के हस्तक्षेप पर सवाल उठाए गए हैं. खामा न्यूज के अनुसार, अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात के अधिकारियों ने कहा कि किसी भी देश को अफगानिस्तान के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अधिकारियों ने खासतौर पर अमेरिका और पाकिस्तान का नाम लिया है, लेकिन माना है कि दुनिया के किसी भी देश को अफगानिस्तान के मामलों में दखल देने का मौका नहीं दिया जाएगा. पाकिस्तानी सरकार ने हमीद की अफगानिस्तान यात्रा के उद्देश्य पर कोई टिप्पणी नहीं की है.
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