US On Pakistan Church Attack: पाकिस्तान से ईशनिंदा की अफवाहों के बीच देश के पूर्वी हिस्से में चर्च और ईसाई घरों पर भीड़ ने हमला कर दिया था. इस पर अमेरिका का बयान सामने आया है. उन्होंने बुधवार (16 अगस्त) को हमले को लेकर जांच करने का आग्रह किया है.


पाकिस्तान के फैसलाबाद के बाहरी इलाके में कुरान के अपमान करने की बात फैल गई, जिसके बाद सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम लोगों ने ईसाई क्षेत्र पर हमला किया. पाकिस्तान के जरदानवाला में शाम तक 21 चर्च पूरी तरह से जल गए और कई घर भी बर्बाद हो गए.


AFP की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने संवाददाताओं से कहा, "हम इस बात से बेहद चिंतित हैं कि पाकिस्तान में कुरान के अपमान की रिपोर्ट के जवाब में चर्चों और घरों को निशाना बनाया गया." उन्होंने कहा कि अमेरिका स्वतंत्र अभिव्यक्ति का समर्थन करता है. हमें किसी भी किसी तरह के हिंसा या हिंसा की धमकी को अभिव्यक्ति के तौर पर नहीं मानते हैं.


अमेरिका की पाकिस्तान से मांग
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने कहा कि हम पाकिस्तानी अधिकारियों से ईशनिंदा से जुड़े आरोपों की पूरी जांच करने और शांति बनाए रखने का आग्रह करते हैं. मुस्लिम बहुल पाकिस्तान में ईशनिंदा एक संवेदनशील मुद्दा है, जहां इस्लाम या इस्लामी हस्तियों का अपमान करने वाले किसी भी व्यक्ति को मौत की सजा दी जा सकती है.


कई आलोचकों का मानना है कि इस्लाम के अपमान की अफवाहें अक्सर गैर-मुसलमानों के खिलाफ हिसाब बराबर करने के लिए फैलाई जाती हैं. पाकिस्तान दुनिया की 5वीं सबसे अधिक आबादी वाला देश है. यहां ईसाई विरोधी हिंसा एक नई घटना है. हाल ही में सोमवार (14 अगस्त) को पाकिस्तान के सीनेटर अनवर-उल-हक काकर ने चुनाव कराने के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली है. उन्होंने इस घटना पर दुख जाहिर किया.


चर्च ऑफ पाकिस्तान के प्रेसिडेंट का बयान
पाकिस्तान में हुए चर्च पर हमले के बाद चर्च ऑफ पाकिस्तान के प्रेसिडेंट बिशप आजाद मार्शल ने कहा कि हम पाकिस्तान के फैसलाबाद में हुए घटना पर दुखी है. यहां हमलावरों ने चर्च की इमारत जला दी. इसके अलावा ईसाई धर्म की सबसे पवित्र किताब माने जाने वाली बाइबिल का भी अपमान किया. हमलावरों ने पवित्र कुरान का उल्लंघन करने का झूठा आरोप ईसाइयों पर लगाया.


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