Pakistan Crisis: पाकिस्तान की एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने गुरुवार (25 मई) को जिन्ना हाउस में तोड़फोड़ और हिंसा में शामिल 16 संदिग्धों को कमांडिंग ऑफिसर को सौंपने की अनुमति दी. इन पर सेना के कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएग. इससे पहले पीटीआई चीफ इमरान खान समेत पार्टी के 80 सदस्यों को नो फ्लाई लिस्ट में शामिल किया गया है.


गौरतलब है कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के अध्यक्ष इमरान खान की गिरफ्तारी से नाराज पार्टी समर्थकों ने 9 मई को सरकार और सैन्य प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की थी. जिसके बाद पीएम शहबाज शरीफ ने कहा कि प्रदर्शनकारियों पर सेना के कानूनों के तहत मुकदमा चलाया जाएगा. इससे पहले हिंसा में शामिल पीटीआई सर्मथकों और प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया है. 


सेना अधिकारी ने किया था खास अनुरोध 


गुरुवार को सुनवाई के दौरान एटीसी जज अभेर गुल खान ने सेना की ओर से लाहौर जेल में बंद उपद्रवियों की हिरासत की मांग को मंजूरी दे दी. आरोपियों में अमर जोहेब, अली इफ्तिखार, अली रजा, मुहम्मद अरसलान, मुहम्मद उमैर, मुहम्मद रहीम, जिया-उर-रहमान, वकास अली, रईस अहमद, फैसल इरशाद, मुहम्मद बिलाल हुसैन, फहीम हैदर, अरज़म जुनैद, पूर्व-पीटीआई एमपीए शामिल हैं. 


आर्मी एक्ट के तहत की जा रही है कार्रवाई 


इससे पहले पाकिस्तान की ससंद में एक प्रस्ताव पास किया गया है, जिसके तहत 9 मई को हुई हिंसा के आरोपियों पर आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई की जा सकेगी. पाकिस्तान के सेना प्रमुख पहले ही दंगाईयों के खिलाफ आर्मी एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कह चुके थे. बताते चलें कि मिलिट्री कानून के तहत दोषी पाए जाने पर आजीवन कारावास से लेकर मौत तक की सजा का प्रावधान है. ऐसे में इमरान खान के लिए भी खतरा बना हुआ है.  


इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट के मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट परिसर से गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद देश भर में आगजनी और तोड़फोड़ देखने को मिला था. प्रदर्शनकारियों ने नौ मई को हिंसा के दौरान रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय पर हमला किया था. 


 ये भी पढ़ें: Imran Khan Case: इमरान खान समेत 80 PTI कार्यकर्ताओं पर बढ़ी सख्ती, देश छोड़कर जाने पर लगी रोक