India Pakistan Kashmir Issue: भारत-पाकिस्तान के बीच बरसों से जारी कश्मीर का मसला सुलझ नहीं रहा. जम्मू-कश्मीर के आधे से अधिक भू-भाग पर चीन और पाकिस्तान (Pakistan) का कब्जा है. हालांकि, फिर भी वे दोनों बचे हुए जम्मू-कश्मीर पर नजरें गड़ाए बैठे हैं. पाकिस्तानी राजनेता अक्सर अपने बयानों में कहते हैं कि भारत ने कश्मीर पर अवैध कब्जा कर रखा है और हम उसे आजाद करवाएंगे. ऐसे लोगों को अब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने ही आईना दिखा दिया है.


पाकिस्‍तान में वहां के वरिष्ठ पत्रकार वुसतुल्लाह खान (Wusatullah Khan) ने अब इस मसले पर पाकिस्तान की कश्‍मीर पॉलिसी को लेकर अपनी ही हुकूमत को कड़ी फटकार लगाई है. इसके साथ ही उन्‍होंने कश्‍मीर के फारूख अब्‍दुल्‍ला और महबूबा मुफ्ती जैसे नेताओं की भी हकीकत सबके सामने लाकर रख दी. पाकिस्‍तान अधिकृत कश्‍मीर (POK) में हुए साहित्‍य महोत्‍सव (PLF) के दौरान वुसतुल्लाह ख़ान ने कहा- 'सन् 1971 में जो पॉलिसी ईस्‍ट पाकिस्‍तान (बांग्लादेश) के लिए थीं, वही 75 सालों से कश्‍मीर में जारी हैं.'




'कश्‍मीर कोई मसला नहीं, सियासी तबके के लिए इंडस्‍ट्री है'
वुसतुल्लाह ख़ान ने पीओके के साहित्‍य महोत्‍सव में कहा, 'कश्‍मीर कोई मसला नहीं बल्कि एक बड़े सियासी तबके लिए इंडस्‍ट्री है.' उन्होंने कहा, "इस इंडस्‍ट्री के साथ कश्‍मीर कमेटी का रोजगार लगा हुआ है. इस इंडस्‍ट्री के साथ फारूख अब्‍दुल्‍ला और महबूबा मुफ्ती के अलावा आजाद कश्‍मीर (POK) के सियासी तबके का रोजगार जुड़ा हुआ है. फिर मैं इस मसले के बारे में आउट ऑफ बॉक्‍स सॉल्यूशन बताकर मैं अपने पेट पर लात क्‍यों मारूंगा?"






'इस इंडस्ट्री के साथ लगा हुआ है कश्मीर कमेटी का रोजगार'
इस वीडियो में आप देख सकते हैं कि वुसतुल्लाह ख़ान ने क्या कुछ कहा. बता दें कि वुसतुल्लाह पाकिस्तान में बीबीसी के पत्रकार हैं. कश्मीर मसले पर बात करते हुए पाकिस्तानी हुकूमत को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा, "एक छोटी सी पट्टी लेकर के आप बैठे हुए हैं कश्मीर की. और माफ कीजिएगा आप मसला नहीं हैं. आप हैं इंडस्ट्री. इस इंडस्ट्री के साथ कश्मीर कमेटी का रोजगार लगा हुआ है. इस इंडस्ट्री के साथ फारूख अबदुल्ला का महबूबा मुफ्ती का और आजाद कश्मीर में जितनी भी पॉलिटिकल क्लासें हैं उसका रोजगार जुड़ा हुआ है...तो मेरे पेट पर लात में खुद क्यों मारूंगा."


'मेरी गाड़ियांं लगी हुई हैं, मुझे बजट मिल रहा है मरकज से'
वुसतुल्लाह ने कहा, "इस मसले के बारे में आउट ऑफ बाक्स कोई सॉल्यूशन, या अपने दिमाग को जहमत देने के लिए कि यार ये सॉल्यूशन नहीं तो ये करके देखो. क्यों? ये तो मेरी रोजी रोटी का सवाल है, पेट का सवाल है. मेरी गाड़ियांं लगी हुई हैं. मुझे बजट मिल रहा है मरकज से. और मरकज जो है..कश्मीरियों को मसला ए कश्मीर समझा रहा है. ये क्या है"


यह सुनते ही भीड़ में पीछे की पंक्तियों में मौजूद लोग नारेबाजी करने लगे. कुछ लोग कह रहे थे- "ये वतन हमारा है, इसका फैसला हम करेंगे". "हम छीन के लेंगे आजादी", "हमें चाहिए-चाहिए आजादी".




नारेबाजी करते हुए लोगों को टोकते हुए महिला आयोजक ने कहा- प्लीज इसको जलसा मत बनाएं. ये जलसा नहीं है, ये गुफ्तगू है.
वुसतुल्लाह ने कहा, "आप लोग किसी सोचे समझे एजेंडे के साथ आए हैं और हमें नहीं सुनना चाहते तो हम चले जाते हैं." आयोजक ने कहा- "नहीं, नहीं आप मत जाइए, यहां बैठिए. अभी इस पर बात तो करनी है न."


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