इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने देश के खिलाफ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तीखी टिप्पणी पर ‘गहरी निराशा’ जतायी और कहा कि आरोपों से दोनों देशों के बीच ‘विश्वास’ को तगड़ा झटका लगा है. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एनएससी) की एक बैठक की अध्यक्षता की. बैठक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पाकिस्तान पर आरोप लगाने के बाद बुलाई गई थी.


साल के पहले ट्वीट में अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप लगाए कि पिछले 15 सालों में अमेरिका ने पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर की सहायता दी जबकि इसके बदले पाक ने अमेरिका को ‘झूठ और धोखे’ के सिवा कुछ भी नहीं दिया है. ट्रंप ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादियों को ‘सुरक्षित पनाहगाह’ मुहैया करायी.



U.S. President Donald Trump speaks at a rally in Pensacola, Florida, U.S., December 8, 2017. REUTERS/Carlo Allegri

एनएससी की बैठक में सेना प्रमुख और अन्य शीर्ष सैन्य अधिकारियों और सरकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया. बैठक में यह कहा गया कि अमेरिकी नेतृत्व का बयान पूरी तरह से समझ से परे है क्योंकि उसमें तथ्यों को साफ तौर पर दरकिनार किया गया है. इससे दोनों देशों के बीच पीढ़ियों से बने विश्वास को तगड़ा झटका लगा है. इससे पाकिस्तान की ओर से दशकों के दौरान किये गए बलिदानों को नकार दिया गया है.


द डॉन न्यूज़ ने बताया कि अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत एजाज अहमद चौधरी को एनएससी की बैठक में बुलाया गया था जिसमें ट्रंप के ताजा हमले पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर चर्चा की गई. इसके साथ ही इस बैठक में देश की समग्र विदेश नीति की समीक्षा भी की गई. विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक ट्वीट में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस दावे को चुनौती दी कि अमेरिका ने उसे पिछले 15 सालों में 33 अरब डॉलर से अधिक की सहायता दी.


पाकिस्तान ने कहा कि दी गई रकम का ऑडिट करवाने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति गलत साबित होंगे. उन्होंने कहा कि ट्रंप 33 अरब डॉलर की सहायता की जांच कराने के लिए ‘हमारे खर्च’ पर एक अमेरिकी आडिट कंपनी की सेवा ले सकते हैं जिससे ‘विश्व को पता चले कि कौन झूठ बोल रहा है और कौन धोखा दे रहा है.’


आसिफ ने ट्वीट किया ‘राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले 15 सालों में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर देने का ज़िक्र किया, वे किसी अमेरिकी ऑडिट कंपनी से इसकी जांच करवा लें ताकि दुनिया को पता चल सके कि कौन झूठ बोल रहा है और धोखा दे रहा है.....’’


एनएससी बैठक में एक बयान में कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई मुख्य रूप से अपने संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए लड़ी है और इससे उसकी अर्थव्यवस्था पर काफी बोझ पड़ा है. आगे कहा गया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में शांति के लिए अपनी भूमिका निभाना जारी रखेगा. इसमें यह भी सहमति बनी कि सभी आरोपों के बावजूद पाकिस्तान जल्दबाजी में फैसले नहीं कर सकता है और अफगान नीत में एक सकारात्मक भूमिका निभाना जारी रखेगा. इसके साथ ही वह क्षेत्र और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की शांति और सुरक्षा के लिए भी अपनी भूमिका निभाना जारी रखेगा.