पाकिस्तान के सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान की बहुत बड़ी हार हुई है. पाकिस्तान के उच्चतम न्यायालय ने प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को बृहस्पतिवार को रद्द कर दिया. यह क्रिकेटर से नेता बने खान के लिए एक बड़ा झटका है और अब उम्मीद है कि अदालत के फैसले के बाद उन्हें संसद में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने संसद बहाल करते हुए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग का फैसला दिया है. वहीं इस फैसले पर पाकिस्तान के कानून मंत्री और इमरान खान के बेहद करीबी फवाद चौधरी का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले में "खामियां" हैं. फैसला आने के बाद फवाद चौधरी ने कहा कि "हमें" 23 मार्च, 1940 से फिर से स्वतंत्रता संग्राम शुरू करने की आवश्यकता है. पाकिस्तान की समा न्यूज से बात करने के दौरान उन्होंने "विदेशी खतरे" के पत्र की जांच की घोषणा की. फैसले से पहले फवाद चौधरी ने कहा था कि कुछ भी हो आखिर में चुनाव ही होना है.
इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के कदम को पलटते हुए पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट ने संसद को भी बहाल कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया कि 9 अप्रैल को 10:30 बजे इमरान खान को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना होगा. अगर इमरान खान बहुमत साबित नहीं करते हैं तो विपक्ष अपना प्रधानमंत्री चुन सकता है. फैसले के बाद कोर्ट के बाहर गो नियाजी, गो के नारे लगे. दूसरी ओर फैसले पर विपक्ष में खुशी की लहर है और सभी दलों ने कहा कि ये पाकिस्तान की जीत है. फैसले के बाद बागी सांसद भी खुशी जताते हुए नजर आए.
खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी से जुड़े सूरी ने तीन अप्रैल को खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. सूरी ने दावा किया था कि यह सरकार को गिराने के लिए ‘‘विदेशी साजिश’’ से जुड़ा है और इसलिए यह विचार योग्य नहीं है. अविश्वास प्रस्ताव खारिज किये जाने के कुछ देर बाद, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री खान की सलाह पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था.
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