Pakistan: आर्थिक तंगी से जूझ रहा पाकिस्तान, सियासी अराजकता ने बढ़ाई मुश्किलें, कभी भी लग सकता है मार्शल लॉ
Pakistan News: लेखक जस्टिस काटजू ने पाकिस्तान के समाचार साप्ताहिक द फ्राइडे टाइम्स के लिए एक लेख में इस बात की आशंका व्यक्त की है कि पाकिस्तान अगले छह महीने में मार्शल लॉ के अधीन हो जाएगा.
Martial Law in Pakistan: पाकिस्तान (Pakistan) पिछले कई महीनों से आर्थिक संकट (Economic Crisis) से जूझ रहा है. वहीं देश में राजनीतिक अराजकता (Political Anarchy) के चलते देश का माहौल बहुत खराब हो गया है. पाकिस्तान में राजनीतिक अराजकता का विश्लेषण करने वाली एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया गया है कि आने वाले 6 महीनों में पाकिस्तान में मार्शल लॉ (Martial Law) लग सकता है.
लेखक जस्टिस काटजू (Author Justice Katju) ने पाकिस्तान के समाचार साप्ताहिक द फ्राइडे टाइम्स के लिए एक लेख में इस बात की आशंका व्यक्त की है कि पाकिस्तान अगले छह महीने में मार्शल लॉ के अधीन हो जाएगा. पाकिस्तान के सियासी घटनाओं (Political Incidents) और आर्थिक स्थिरता पर नजर रखने वाले लेखक ने अपने तर्क के समर्थन में कुछ तथ्य रखे हैं.
उन्होंने सबसे पहले पाकिस्तान में राजनीतिक विकास के बारे में बताते हुए कहा कि साल 2018 में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान जिन्होंने ईमानदारी, पारदर्शिता और जवाबदेही के मंच पर 2018 का चुनाव जीता था उनके कार्यकाल के दौरान भी आर्थिक उथल-पुथल देखी गई थी. हालांकि, अविश्वास प्रस्ताव के कारण इमरान खान का कार्यकाल अप्रैल 2022 तक ही चल पाया. इमरान की सत्ता पाकिस्तान में आसमान छूती महंगाई की वजह से गई. पाकिस्तानी आवाम को महंगाई का खामियाजा भुगतना पड़ा. सब्जियों जैसी बुनियादी सुविधाओं में कीमतों में भारी बढ़ोतरी देखी गई.
आर्थिक अराजकता की वजह से इमरान सत्ता से हुए बाहर
पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम), जो कि पीपीपी, पीएमएलएन और कुछ अन्य पार्टियों का गठबंधन था, ने आर्थिक अराजकता के कारण इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी को अविश्वास मत से बाहर कर दिया. वहीं इमरान खान के बाद पाकिस्तान की सत्ता में आई पीडीएम भी अभी तक स्थिति में कोई सुधार नहीं कर पाई है. पाकिस्तान का मौजूदा सत्तारूढ़ गठबंधन भी उसी महंगाई और आर्थिक समस्याओं की चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिस पर इमरान सरकार गिरी थी. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पैसे मांगने के लिए दुनिया के कई देशों में भीख का कटोरा लेकर घूम रहे हैं. लेखक ने विश्लेषण किया कि जनता का आम समर्थन अब भी इमरान खान के पास है पाकिस्तान में अभी हाल में हुए उपचुनावों में भी यही बात सामने आई.
अगले 6 महीनों में पाकिस्तान में मार्शल लॉ
इमरान खान (Imran Khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने आठ में से छह सीटें जीतीं, लेकिन सत्तारूढ़ पीडीएम (PDM) को महज दो सीटों पर जीत हासिल हुई. लेखक ने लिखा, इमरान खान को एक ईमानदार व्यक्ति के रूप में माना जा रहा है जबकि अन्य दलों के नेताओं को बड़े पैमाने पर भ्रष्ट माना जाता है. इस बीच, इमरान खान बेकार नहीं रहेंगे क्योंकि वह एक योद्धा (Fighter) हैं और कई शहरों में बड़ी रैलियां कर रहे हैं. यह देखते हुए कि कभी-कभी ऐसी स्थिति उत्पन्न हो जाती है जब अराजकता (Anarchy) और सेना (Army) के शासन के बीच एकमात्र विकल्प सिर्फ मार्शल लॉ ही बचा होता है और ऐतिहासिक अनुभव से पता चलता है कि इस स्थिति में सेना कदम रखती है. लेख के समापन के दौरान मार्शल लॉ पर लेखक ने लिखा कि यह जल्द ही नहीं होगा लेकिन आगामी छह महीने या उससे भी कम समय में होना तय है.
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