India-Pakistan Relation: पाकिस्तान के जनरल की भारत को धमकी, कहा- S-400 भारत को नहीं बचा सकता
India-Pakistan: पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट जनरल ने कहा कि पाकिस्तान की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें अपने पश्चिमी लॉन्च बेस से पूरे भारत को कवर करती हैं.
India-Pakistan: पाकिस्तानी परमाणु बम को 'हथियार' में बदलने वाले लेफ्टिनेंट जनरल किदवई ने भारत को खुलेआम धमकी दी है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की मिसाइलों से एस-400 भी भारत को बचा नहीं सकता है. लेफ्टिनेंट जनरल किदवई हाल में ही इस्लामाबाद स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ स्ट्रैटजिक स्टडीज में भाषण के दौरान ये बातें कही. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान का परमाणु हथियार कार्यक्रम भारत को ध्यान में रखकर बनाया गया है.
किदवई ने कहा, पाकिस्तान के प्रति भारत का शत्रुतापूर्ण दृष्टिकोण रहता है, जिसकी वजह से पाकिस्तान अब पूर्ण स्पेक्ट्रम निवारक (FSD) विकसित कर रहा है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें अपने पश्चिमी लॉन्च बेस से पूरे भारत को कवर करती हैं. किदवई ने साफ लहजे में कहा कि पाकिस्तान भारत के परमाणु हमले से बच सकता है और भारत के एस-400 डिफेंस सिस्टम के बावजूद भारत के किसी भी लक्ष्य को पाकिस्तान भेद सकता है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान की मिसाइलें कुछ मीटर के भीतर लक्ष्य को मार सकती हैं, ऐसे में भारत की मिसाइलों और रक्षा प्रणाली सिस्टम को निष्क्रिय किया जा सकता है.
पाकिस्तानी जनरल ने क्या कहा?
पाकिस्तानी लेफ्टिनेंट ने महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि युद्ध के दौरान पाकिस्तान सिर्फ काउंटर वैल्यू ही नहीं, बल्कि काउंटर सिटी की रणनीति अपनाएगा. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस समय राजनीतिक और आर्थिक उथल-पुथल से जूझ रहा है, लेकिन पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम में कोई बाधा नहीं आएगी. बता दें कि अक्टूबर 2018 में भारत के प्रधानमंत्री और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एस-400 मिसाइल रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए थे. इस समझौते के तहत रूस एस-400 मिसाइल की पांच रेजिमेंट भारत को देगा.
एस-400 की भारत को मिल चुकी तीन रेजिमेंट
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तक रूस ने भारत को तीन एस-400 रेजिमेंट सौंप दिया है. रूस ने पहली खेप नवंबर 2021 में भेजी थी. बाकी दो रेजिमेंट भारत को साल 2026 तक मिलेंगी. यह रक्षा समझौता 43 बिलियन डॉलर में हुआ है, जो भारत की रक्षा प्रणाली को मजबूत करता है. इस रक्षा समझौते के दौरान अमेरिका ने भी भारत का विरोध किया था, इसके बावजूद भारत ने रूस से एस-400 लिया.
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