इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने प्रतिबंधित जमात-उद-दावा (जेयूडी) प्रमुख और मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद और उसके चार शीर्ष सहयोगियों के बैंक खातों पर लगी रोक हटा दी है. मीडिया में आई खबर में रविवार को यह जानकारी दी गई. संयुक्त राष्ट्र ने सईद को आतंकवादी घोषित कर रखा है और अमेरिका ने उस पर एक करोड़ अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा है. उसे पिछले साल 17 जुलाई को आतंकी वित्त पोषण के मामलों में गिरफ्तार किया गया था. आतंकी वित्त पोषण के दो मामलों में उसे इस साल फरवरी में आतंकवाद निरोधी अदालत ने 11 साल कैद की सजा सुनाई थी. वह लाहौर की कड़ी सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल में बंद है.
हाफिज सईद के इन चार सहयोगियों के बैंक खातों पर लगी रोक हटाई गई
‘द न्यूज’ की खबर के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आतंकी सूची में शामिल अब्दुल सलाम भुट्टावी, हाजी एम अशरफ, याह्या मुजाहिद और जफर इकबाल जमात लश्कर-ए-तैयबा के वो अन्य सदस्य हैं जिनके बैंक खातों पर लगी रोक हटा दी गई है.
अखबार ने कहा कि पंजाब आतंकवाद निरोधी विभाग (सीटीडी) की तरफ से उनके खिलाफ दायर आतंकी वित्त पोषण के मामले में ये लोग अभी लाहौर जेल में एक से पांच साल कैद की सजा काट रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबंध समिति से औपचारिक स्वीकृति मिलने के बाद बैंक खातों पर लगी रोक को हटाया गया है.
वहीं, सूत्रों का हवाला देते हुए अखबार ने कहा कि जेयूडी सरगना ने संयुक्त राष्ट्र से बैंक खातों से लेनदेन पर लगी रोक हटाने का अनुरोध किया था जिससे वह घर चला सके. जेयूडी के एक प्रमुख नेता को उद्धृत करते हुए अखबार ने कहा कि शुरू में हम कोई अपील नहीं दायर करना चाहते थे, लेकिन हमें सलाह दी गई कि हम अपील करें क्योंकि हमारे नेताओं के लिये अपना कामकाज चलाना मुश्किल हो रहा था.
हाफिज सईद को वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है अमेरिका
अखबार में कहा गया कि इन नेताओं ने पाकिस्तान सरकार से किये गए अपने अनुरोध में अपनी वित्तीय आय और आय के स्रोत का उल्लेख किया था. इसमें कहा गया कि इस अपील को उनके बैंक खाता संख्या और अन्य विवरण के साथ संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को भेजा गया. सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है. लश्कर ही 2008 में हुए मुंबई हमले के लिये जिम्मेदार था. इस हमले में छह अमेरिकियों समेत 166 लोगों की मौत हुई थी.
अमेरिकी वित्त विभाग ने सईद को खास तौर पर वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव 1267 के तहत दिसंबर 2008 में उसे आतंकी सूची में डाला गया. सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के अनुपालन में पाकिस्तान सरकार ने उसके बैंक खाते से लेनदेन पर रोक लगा दी थी.
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