Pakistan drone: हाल ही में पाकिस्तान ने अपने स्वदेशी ड्रोन शाहपार-III को लेकर बड़ी घोषणा की है. पाकिस्तान के रक्षा और एयरोस्पेस क्षेत्र में इस दावे ने ध्यान आकर्षित किया है. देश के ग्लोबल इंडस्ट्रियल एंड डिफेंस सॉल्यूशंस (GIDS) के सीईओ असद कमाल ने इसे दुनिया के सबसे शक्तिशाली ड्रोन में से एक बताया.
पाकिस्तान के दावे के अनुसार, शाहपार-III ड्रोन में निम्नलिखित विशेषताएं हैं:
पंखों का फैलाव: 67 मीटर.
उड़ान ऊंचाई: 35,000 फीट से अधिक.
सतत उड़ान क्षमता: 30 घंटे.
मारक दूरी: 2,500 किमी.
पेलोड: 500 किग्रा.
हथियार ले जाने की क्षमता: छह हार्ड पॉइंट के साथ आठ हथियार.
इसके अलावा, पाकिस्तान का कहना है कि यह ड्रोन पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से मात्र दो वर्षों में विकसित किया गया है.
पाकिस्तान के दावे पर उठ रहे सवाल
शाहपार-III की घोषित क्षमताएं इसे दुनिया के सबसे उन्नत ड्रोन की श्रेणी में ला सकती हैं, लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, यह दावा वास्तविकता से परे लग रहा है. पाकिस्तान का स्वतंत्र रूप से ड्रोन निर्माण का रिकॉर्ड नहीं रहा है. इस ड्रोन का प्रोपल्शन सिस्टम अज्ञात है, जिससे इसकी असली क्षमता पर सवाल खड़े होते हैं. भारत का TAPAS ड्रोन (DRDO द्वारा विकसित) 28,000 फीट की ऊंचाई पर 24 घंटे उड़ान भर सकता है, जिसे विकसित करने में वर्षों लगे.
अन्य देशों की उपलब्धियों से तुलना
इजरायली हर्मीस 900 UAV: भारतीय नौसेना द्वारा उपयोग किया जाने वाला यह ड्रोन 36 घंटे तक उड़ सकता है और इसकी पेलोड क्षमता 450 किग्रा है. लेकिन इसके पंखों का फैलाव केवल 15 मीटर है. शाहपार-III के पंखों का 67 मीटर फैलाव अविश्वसनीय प्रतीत होता है, क्योंकि इससे बड़ी श्रेणी के ड्रोन में भी इतनी क्षमता नहीं है.
पाकिस्तान ने शाहपार-III को गेम चेंजर बताया
पाकिस्तान ने शाहपार-III को "गेम चेंजर" बताया है, लेकिन इसके दावों को हकीकत में साबित करने के लिए कठोर परीक्षण और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरना आवश्यक है. फिलहाल, यह ड्रोन कागजों पर ही प्रभावशाली लगता है. चीन और तुर्की जैसे साझेदारों पर पाकिस्तान की निर्भरता को देखते हुए, स्वदेशी तकनीक से इतनी उन्नत क्षमताओं का दावा सवालों के घेरे में है.
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