पाकिस्तान के तब्लीगी जमात से जुड़े मशहूर मौलाना तारिक जमील विवादास्पद टिप्पणी को लेकर घिर गए हैं. दरअसल उन्होंने कोरोना महामारी को अल्लाह के श्राप का नतीजा बताया है. उन्होंने कहा कि दुनिया में अश्लीलता से नाराज होकर उसने महामारी भेजी है. उनके इस बयान की खूब आलोचना हो रही है. हालांकि मीडिया घरानों पर की गई टिप्पणी को लेकर उन्होंने माफी मांग ली है.


अपने प्रवचनों को लेकर चर्चा में रहनेवाले मौलाना तारिक जमील इस बार अपने बयान से घिर गए हैं. उन्होंने दावा किया कि दुनिया कोरोना वायरस के रूप में अल्लाह की नाराजगी का सामना कर रही है. अल्लाह की नाराजगी बढ़ने का कारण नग्नता और अश्लीलता है.


उन्होंने ये बयान टेलीविजन पर उस वक्त दिया जब प्रधानमंत्री इमरान खान ने कोरोना पीड़ितों के लिए फंड जुटाने की खातिर टेलिथॉन का आयोजन किया था. उन्होंने कहा कि जब समाज में अश्‍लीलता सरेआम हो जाए तो अल्लाह का गुस्सा होना लाजिमी है. उन्होंने मीडिया पर भी अपनी भड़ास निकाली. मौलाना ने पाकिस्तान समेत दुनिया भर के मीडिया संस्थानों को झूठा करार देते हुए उन्हें सच्चा बनने की नसीहत दी. उनका ये बयान सामने आते ही सामाजिक कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के अपमान से जोड़ दिया.


पाकिस्तान की मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता शीरीन मजारी ने कहा कि यह बयान महामारी के बारे में अज्ञानता और महिला विरोधी मानसिकता को दर्शाता है. उनका ये बयान बेतुका और निंदनीय है. निदा ऐली ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने तारिक जमील के बयान को टेलीवीजन पर चलाया. मौलाना ने महिलाओं पर न केवल आपत्ति जताई बल्कि उनकी आजादी को भगवान का प्रकोप बता डाला. वहीं पाकिस्‍तान के मानवाधिकार आयोग ने मौलाना जमील के बयान को अस्‍वीकार्य माना. हालांकि विवाद बढ़ता देख मौलाना तारिक जमील ने बिना शर्त मीडिया और पत्रकारों से शुक्रवार को माफी मांगी. उन्होंने माना कि कार्यक्रम के अंत में उनकी जबान फिसल गई थी. उन्होंने कहा कि उनके ज्यादा बोलने की वजह से ऐसा हुआ.


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