Pakistan Crisis: आर्थिक कंगाली के दौर से गुजर रहा पाकिस्तान अब कराची बंदरगाह को यूएई को बेचने जा रहा है. पाकिस्तान ने एक कमिटी का गठन किया है ताकि कराची पोर्ट टर्मिनल को यूएई को सौंपने के लिए डील को अंतिम रूप दिया जा सके. दरअसल,पाकिस्तान पर लगातार डिफॉल्ट होने का खतरा मंडरा रहा है. ऐसे में पाकिस्तान नए-नए जुगाड़ लगा रहा है.
पाकिस्तान के एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार के रिपोर्ट के अनुसार शहबाज शरीफ की सरकार ने आपातकालीन कोष में पैसे जुटाने के लिए कराची बंदरगाह टर्मिनल को लेकर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के साथ एक समझौते को अंतिम रूप देने के लिए वार्ता समिति का गठन किया है. रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने आपातकालीन फंड हासिल करने के लिए पिछले साल एक कानून बनाया था और अब उसी के तहत कराची पोर्ट टर्मिनल को यूएई दिया जा रहा है.
समिति गठित की गई
रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्री इशाक डार ने सोमवार को इंटर-गवर्नमेंटल कॉमर्शियल ट्रांजेक्शन्स पर कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में कराची पोर्ट ट्रस्ट (केपीटी) और यूएई सरकार के बीच एक वाणिज्यिक समझौते पर बातचीत करने के लिए एक समिति गठित करने का फैसला किया गया.
IMF से लोन न मिलने से परेशान पाकिस्तान
रिपोर्ट के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की ओर से कर्ज के पैसे को रोके जाने की वजह से पाकिस्तान परेशान है. ऐसे में पकिस्तान विकल्पों की तलाश कर रहा है. गौरतलब है कि इससे पहले यूएई ने साफ कर दिया कि वह अब पाकिस्तान को तब तक कोई लोन नहीं देगा जब तक कि शहबाज सरकार देश की कोई संपत्ति उसके हवाले नहीं करती है. ऐसे में पाकिस्तान ने डिफ़ॉल्ट होने से बचने के लिए नई तरकीब निकाली है.
फैसल सब्जवारी करेंगे अध्यक्षता
रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा गठित नई कमेटी की अध्यक्षता समुद्री मामलों के मंत्री फैसल सब्जवारी करेंगे. साथ ही कमिटी के सदस्यों में वित्त और विदेश मामलों के अतिरिक्त सचिव, पीएम के विशेष सहायक जहानजेब खान, कराची पोर्ट टर्मिनल (केपीटी) के अध्यक्ष और केपीटी के महाप्रबंधक शामिल हैं.