पाकिस्तान की राजनीति में इस वक्त काफी उठापटक चल रही है. कई विपक्षी पार्टियां लामबंद हो गई हैं और प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया है. इमरान खान को अपनी कुर्सी गंवाने का डर है और यही वजह है कि उनकी पार्टी सहयोगी पार्टियों को एकजुट करने में जुटी हुई है. इसी बीच पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने रविवार को विपक्ष को एक 'ऑफर' दिया. उन्होंने एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में कहां कि अगर विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव वापस ले तो सरकार यह विचार करेगी कि उन्हें बदले में क्या दिया जा सकता है.


फवाद चौधरी का यह ऑफर इस वक्त सुर्खियों में है. पाकिस्तानी सूचना मंत्री ने इस कार्यक्रम में कहा, "अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थिति और अविश्वास प्रस्ताव से पैदा होने वाली राजनीतिक कड़वाहट को देखते हुए विपक्ष को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अपना प्रस्ताव वापस लेना चाहिए. इसके बाद पीटीआई सरकार देखेगी कि विपक्ष को बदले में क्या दिया जा सकता है." फवाद चौधरी ने कहा कि देश की राजनीति के साथ एक बड़ी समस्या यह है कि यह बहुत विभाजनकारी है. उन्होंने दावा किया कि विपक्ष और इमरान सरकार के बीच नीति को लेकर मतभेद के बजाय 'व्यक्तिगत' मतभेद हैं.  उन्होंने कहा कि दो से तीन सप्ताह में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने तक राजनीति में इतनी कड़वाहट पैदा हो जाएगी कि इससे पाकिस्तान को नुकसान होगा.


यह पूछे जाने पर कि सरकार ऐसे परिदृश्य में विपक्ष को क्या पेशकश कर सकती है, इस पर सूचना मंत्री ने कहा कि ऐसे कई मामले हैं, जिन पर विपक्ष के साथ बातचीत की जा सकती है. इसमें चुनावी सुधार, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो कानूनों में बदलाव और अगले आम चुनाव की तारीख व प्रक्रिया शामिल है. उन्होंने कहा, "विपक्ष की चिंताएं जो भी हों, खुले दिल से चर्चा की जा सकती है. इस प्रस्ताव को लेकर हम दो-तीन सप्ताह तक राजनीति करते रहेंगे और जब हम पीछे मुड़कर देखेंगे तो पाएंगे कि हमारी अर्थव्यवस्था को इतना नुकसान होगा कि इसे ठीक करना मुश्किल होगा. फवाद चौधरी ने कहा कि देश के हित को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. अगर विपक्ष जल्दी चुनाव चाहता है, तो वे इसे अपनी मांग भी बना सकते हैं. 


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