Pakistan News: पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है जिसमें कई चौंकाने वाली बातें कही गई हैं. इस रिपोर्ट के अनुसार,  पाकिस्तान में  हिंदू और ईसाई महिलाओं पर जमकर कहर बरपाया जाता है. उन्हें जबरन धर्म परिवर्तन और बलात्कार जैसी घटनाओं का सामना करना पड़ता है. गेटस्टोन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, हिंदू और ईसाई महिलाओं का विवाह अधिक उम्र के या बुजुर्ग व्यक्ति के साथ जबरदस्ती कराया जाता है. 


गेटस्टोन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के अनुसार, पीडीआई नामक एक अल्पसंख्यक समूह के अध्यक्ष शिवा कच्छी ने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों का आए दिन अपहरण हाे रहा है. इस तरह के हजारों मामले दर्ज हो चुके हैं. हमारी बेटियां खतरे में हैं. पुलिस केवल अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कर खानापूर्ति कर देती है. अदालतें भी हिंदुओं को न्याय नहीं देती हैं. 


हिंदुओं को न्याय नहीं मिल पाता


गौरतलब है कि पाकिस्तान दारावर इत्तेहाद (पीडीआई) पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए काम करने वाला एक संगठन है, जो पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आवाज को उठाने का करता है. रिपोर्ट के अनुसार, इस साल 2 जून को 14 वर्षीय हिंदू लड़की सोहाना शर्मा कुमारी का अपहरण कर लिया गया और उसकी शादी एक मुस्लिम व्यक्ति से कर दी गई. 


पीड़िता के पिता ने आरोप लगाया कि तीन लोग उनके घर में घुस गए, लड़की को उसकी मां के सामने बंदूक की नोक पर उसके घर से अगवा किया गया. पीड़िता के पिता ने इसकी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है, लेकिन उसे न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है. उसे कोर्ट से भी राहत नहीं मिली और उसका जबरन इस्लाम में धर्म परिवर्तन करके शादी कर दी गई है.


जबरन कराया जाता है धर्म परिवर्तन


रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में 12 से 16 साल की उम्र के बीच लड़कियों का अपहरण किया जाता है, उन्हें 'जबरन इस्लाम में परिवर्तित' किया जाता है, और फिर उनके अपहरणकर्ताओं से 'जबरन शादी' की जाती है, जो आमतौर पर पीड़ितों की उम्र से दोगुनी उम्र के होते हैं या पहले से ही शादीशुदा होते हैं. हालांकि अदालतों में जमा किए गए दस्तावेज़ों में उन्हें कुंवारा दिखाया जाता है. 


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