Muqtedar Khan on Asaduddin Owaisi: अमेरिका में डेलावेयर यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल रिलेशन डिपार्टमेंट में प्रोफेसर और इस्लामिक स्टडीज प्रोग्राम के संस्थापक डायरेक्टर प्रो. मुक्तेदार खान ने कहा है कि एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी भारतीय राजनीति में मुस्लिमों की आवाज उठाते हैं. उन्होंने एक मीडिया प्लेटफॉर्म पर चर्चा के दौरान कहा कि ओवैसी की आवाज जमात ए इस्लामी से बिल्कुल अलग है. जमानत ए इस्लामी तो इस्लामिक स्टेट बनाना चाहती थी लेकिन अब इसने अपना मकसद बदला है. इस पर कई बार प्रतिबंध भी लगाया गया.
प्रोफेसर मुक्तदर खान ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी मानते हैं कि संविधान में मुस्लिमों को जो अधिकार मिले हैं, वो वोट बैंक की राजनीति में खत्म हो रहे हैं.
ओवैसी ने मुस्लिम वोट को यूनाइट किया?
अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी में इस्लामिक स्टडीज प्रोग्राम के फाउंडिंग डायरेक्टर प्रोफेसर मुक्तदर खान ने पत्रकार शकील चौधरी से बातचीत के दौरान कहा कि असदुद्दीन ओवैसी मानते हैं कि वोट बैंक की राजनीति में मुसलमानों की आवाज डूब जा रही है. मुक्दर खान ने कहा कि मुस्लिम वोट कांग्रेस और ओवैसी की पार्टी में बंट जाते हैं. यूपी में भी जो चुनाव हुए उसमें में भी विरोधी पार्टियों ने मुस्लिमों के लिए कोई खास एलान नहीं किया था. मुस्लिम वोट जाए तो कहां जाए. ओवैसी ने मुस्लिम वोट को यूनाइट करने की कोशिश की.
प्रोफेसर मुक्तदर खान ने आगे कहा कि बीजेपी हिंदुओं के वोट बैंक पर पकड़ रखती है. हाल के दिनों में बीजेपी बेहद ही स्मार्ट तरीके से पसमांदा मुस्लिम समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस ने मुसलमानों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया. कुछ मुसलमान ओवैसी पर बीजेपी की बी टीम होने का आरोप लगाते हैं. ओवैसी की पार्टी मुस्लिमों में पिछड़े, भयभीत और अशिक्षित लोगों पर मजबूत पकड़ रखते हैं.
अकबरुद्दीन ओवैसी की आलोचना
प्रोफेसर मुक्तदर खान ने असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी की भी काफी आलोचना की. काफी वक्त पहले के अकबरुद्दीन ओवैसी के उस बयान पर कि हम 25 करोड़ हैं तुम 100 करोड़ हो. 15 मिनट के पुलिस को हटा लो और फिर देखना कौन ताकतवर है. अकबरुद्दीन ओवैसी के कई विवादास्पद बयानों को लेकर पूछे गए सवाल पर मुक्तदर खान ने कहा कि उन्होंने कई बार बेवकूफी भरा और जाहिलाना बयान दिए हैं. उ
'दूसरे धर्म का अपमान सहीं नहीं'
प्रोफेसर मुक्तदर खान (Muqtedar Khan) ने आगे कहा कि अकबरुद्दीन ओवैसी ने कई बार हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई. कई मुस्लिम नेता अपने धर्म के नियमों का उल्लंघन करते हैं. अकबरुद्दीन ओवैसी समस्या नहीं है. समस्या उनके जैसे सैकड़ों लोग हैं, जो उन्हें वोट करते हैं. कुरान में साफ लिखा हुआ है कि किसी दूसरे धर्म का अपमान नहीं करना चाहिए. उन्होंने बीजेपी नेताओं पर भी मुस्लिमों के खिलाफ विवादास्पद बयान देने के आरोप लगाए.
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