क्या खिचड़ी पका रहे शहबाज शरीफ और मोहम्मद यूनुस? PML के बड़े नेता का दावा- फिर ईस्ट पाकिस्तान बनेगा बांग्लादेश...
कामरान सईद उस्मानी ने कहा कि बांग्लादेश की आज की जो जेनरेशन है उसको तो कुछ पता नहीं है. उन्हें बचपन में दादा-दादी ने जो पर्सपेक्टिव बताया उनको वही पता है.

सत्ता पलट के बाद से बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस सरकार पाक हुकूमत से करीबी बढ़ा रही है. सीधे कारोबार शुरू हो गया, पाक एजेंसी आईएसआई के अधिकारों के साथ इंडियन बॉर्डर के पास दौरे हो रहे हैं और दोनों देशों की सेनाओं की साथ ट्रेनिंग की बातें चल रही हैं. ये सब 54 सालों में पहली बार हो रहा है. इस करीबी पर एक पाकिस्तानी नेता ने दावा किया है कि शायद बांग्लादेश भविष्य में ईस्ट पाकिस्तान बन जाए.
पाकिस्तान मुस्लिम लीग यूथ विंग के प्रमुख कामरान सईद उस्मानी ने यूट्यूब चैनल रियल एंटरटेनमेंट पर पाक यूट्यूबर सोहेब चौधरी से बांग्लादेश और पाकिस्तान के द्विपक्षीय संबंधों पर बात की. उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी कोई हमसे अलग लोग नहीं हैं. बांग्लादेश पहले ईस्ट पाकिस्तान था और शायद फ्यूचर में फिर ईस्ट पाकिस्तान बन जाए. उन्होंने कहा कि वहां के लोग पाकिस्तानियों को सुनते हैं, मोहब्बत करते हैं, प्यार करते हैं. पाकिस्तान के अंदर भी बहुत बड़ी तादाद ऐसे यूथ की है जो बांग्लादेश से बहुत ज्यादा प्यार करती है तो ये एक म्यूचुअल फीलिंग और इंटरेक्शन है जो अब डेवलप होता जा रहा है.
यूट्यूबर ने उनसे सवाल किया कि अब ऐसा क्या हो गया है कि पाकिस्तान की बांग्लादेश के लिए अचानक से मोहब्बत पैदा हो गई है. इतने सालों से तो दोनों मुल्क एक-दूसरे को नजर अंदाज करते थे. कामराम सईद उस्मानी ने इस पर कहा कि पिछले 50 सालों का दुख जो है न वो सीनों में तो दफन है. आप देखिए बांग्लादेशी भारत के करीब ज्यादा क्यों रहे इस 50 साल में और हमारे करीब अचानक कैसे आ रहे हैं? उन्होंने कहा कि मसला ये है कि हम उस जेनरेशन से हैं, जिसने अपने दादा-दादी और बड़ों से कहानियां सुनी हैं.
कामरान सईद उस्मानी ने कहा, 'जब कोई भी बच्चा अपने दादा के पास बैठेगा तो वो 1947 से हिस्ट्री शुरू करेंगे कि कैसे पाकिस्तान अलग हुआ, उनके अजीज लोग बिछड़ गए. फिर हम कुछ लोग इधर आ गए यहां पर सेट हो गए. इस तरह एक निजाम चलाया. फिर 1965 की जंग लड़ी गई.' उन्होंने कहा कि उसके बाद जैसे ही पाकिस्तान की हिस्ट्री आपके दादा या उनके वालिद साहब बताएंगे और 1971 का जिक्र आता है तो वो उदास हो जाते हैं. बड़ा एक परेशानी का आलम हो जाता है.
उन्होंने कहा, 'उसकी वजह ये है कि मिसाल के तौर पर जैसे आपके दादा हैं और उनका कोई न कोई दोस्त या रिलेटिव होगा जो बांग्लादेश में रहता होगा, लेकिन आ नहीं सका. या फिर अगर कोई मतलब सर्विस में है. कोई डॉक्टर है, कोई मिलिट्री में था, कोई पुलिस में था, कोई किसी सरकारी महकमे में था. वो वहां पर रह गए तो एक बड़ा पुराना कनेक्शन है.'
उन्होंने कहा, 'मैंने भी तकरीबन अपना पूरा बचपन अपनी वालिदा के दादा से स्टोरी सुन के और पर्सपेक्टिव जो थी पाकिस्तान की वो समझ के गुजारा है. कामरान सईद उस्मानी से पूछा गया कि पाकिस्तान और बांग्लादेश के अलग होने में किसकी गलती थी. कामरान सईद उस्मानी ने कहा कि न मेरी गलती थी, न मेरी जेनरेशन की गलती है. न ही उस बंगाली बच्चे की गलती है जो स्टूडेंट है. जो यूथ अब जवान हो रहा है उनकी गलती नहीं थी.
उन्होंने कहा कि वन हैंड वन हैंड जो एक्सपीरियंस था आप उनकी स्टोरी सुन लीजिए. अगरतला केस हुआ बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान जाकर लंदन के अंदर रॉ के एजेंट्स से मिले. ये उनकी प्लानिंग थी. शेख मुजीब के कंट्रोल से चीजें बाहर हो गईं. जब आगे आप पावर को डिवाइड कर देते हैं न तो फिर चीजें खतरनाक हो जाती हैं. उन्होंने कहा, 'अब मैं इसमें नहीं कह सकता कि 100 पर्सेंट किसकी गलती थी. शेख मुजीब की गलती थी या जुल्फीकार अली भुट्टी की थी या जो भी था, लेकिन उसमें उलझे रहने का कोई मतलब नहीं है.'
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