Pakistan Netizens protest: सैन्य अधिकारियों को मिलने वाली टैक्स छूट का विरोध, सोशल मीडिया पर हंगामा
टैक्स छूट में लेफ्टिनेंट जनरल, सेवाएं प्रमुख, थल सेनाध्यक्ष और अध्यक्ष संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) शामिल है. रक्षा मंत्रालय की सिफारिशों पर ही सारी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा.
Pakistan Netizens protest: पाकिस्तान (Pakistan) हमेशा अपने फैसलों को लेकर चर्चा में बना रहता है. इस बार पाकिस्तानी नेटिज़न्स (Netizens) ने सरकार के फैसले का विरोध किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सैन्य विभाग के उच्च अधिकारियों को बुलेटप्रूफ वाहनों के इम्पोर्ट पर टैक्स छूट देने के लिए पाकिस्तान सरकार के खिलाफ सोशल मीडिया पर विरोध बढ़ गया है. 'डॉन' न्यूज के मुताबिक नेटिज़न्स के विरोध के बाद, संघीय कानून प्रवर्तन एजेंसी ने अब तक इस पर अधिसूचना जारी नहीं की है.
कौन से वाहन पर मिलने वाली है टैक्स छूट
यूनियन कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद अधिसूचना में सेना के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके रिटायरमेंट के बाद 6000 सीसी तक के बुलेटप्रूफ वाहनों के इम्पोर्ट पर सभी शुल्क और टैक्स के भुगतान से छूट दी गई है. इसमें सीमा शुल्क, बिक्री टैक्स, रोड टैक्स और संघीय उत्पादन शुल्क (एफईडी) की छूट शामिल है. द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (FBR) के सदस्य सीमा शुल्क नीति ने शुक्रवार को यहां इस आदेश की एक आधिकारिक अधिसूचना पर हस्ताक्षर किए, लेकिन इसे अभी तक कानून प्रवर्तन वेबसाइट पर नहीं डाला गया है.
किन अधिकारियों को मिल सकती है टैक्स छूट
न्यूज इंटरनेशनल ने शीर्ष आधिकारिक सूत्रों का हवाला देते हुए पुष्टि की कि टैक्स छूट में लेफ्टिनेंट जनरल, सेवाएं प्रमुख, थल सेनाध्यक्ष और अध्यक्ष संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) शामिल हैं. सभी चार सितारा जनरलों को रिटायरमेंट के बाद दो वाहन आयात करने की अनुमति दी गई है. इसके अलावा, थ्री-स्टार अधिकारी रिटायरमेंट के बाद एक ड्यूटी-फ्री बुलेटप्रूफ वाहन आयात कर सकते हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, इस अनुमति से जुड़ी कुछ शर्तें होंगी, जिसमें बताए गए अधिकारियों को उनकी रिटायरमेंट पर बुलेटप्रूफ वाहनों के इंपोर्ट पर शुल्क और टैक्स में छूट की अनुमति शामिल है. गौरतलब है कि, रक्षा मंत्रालय की सिफारिशों पर ही सारी प्रक्रिया का पालन किया जाएगा.
बुलेटप्रूफ वाहनों की बिक्री से जुड़े नियम
बुलेटप्रूफ वाहनों की बिक्री के लिए मालिकों को कानून प्रवर्तन एजेंसी की पूर्व अनुमति लेनी होगी. अधिसूचना में जुड़े सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि अगर वाहन को पांच साल की अवधि से पहले निपटाया जाता है, तो कानून प्रवर्तन एजेंसी ऐसे वाहनों के आयात के समय लागू सभी शुल्क और टैक्स वसूल करेगी. मीडिया आउटलेट के अन्य सूत्रों ने दावा किया कि ड्यूटी-फ्री बुलेटप्रूफ वाहनों को अनुमति देने का निर्णय पहले 2019 में कैबिनेट ने लिया था.
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