Pakistan News: पाकिस्तान में सेना और राजनीति को अलग-अलग करके देख पाना तकरीबन नामुमकिन है. पाकिस्तान बनने के बाद से ही यहां सेना राजनीति में प्रत्यक्ष या परोक्ष दखल देती आ रही है. जल्द ही पाकिस्तानी आर्मी को नया बॉस मिलने वाला है. सरकार ने सैयद असीम मुनीर को नया आर्मी चीफ घोषित किया है. वही असीम मुनीर जिनसे इमरान खान की बिल्कुल नहीं पटती. बतौर प्रधानमंत्री इमरान ने ले. जनरल असीम मुनीर को ISI चीफ के पद से हटा दिया था. अब इमरान पर शिकंजा कसने के लए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने उन्हें आर्मी चीफ नियुक्त कर दिया है. 


एक बार फिर से इमरान खान और जनरल मुनीर आमने-सामने आ गए हैं. इमरान खान ने एक बार फिर से मुनीर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इमरान की पार्टी पीटीआई आज रावलपिंडी में नए सेना प्रमुख के विरोध में एक मार्च निकालने वाली है. जानकारी के मुताबिक इस मार्च की अगुवाई खुद इमरान खान कर सकते हैं. 


रावलपिंडी में ताकत दिखाएंगे इमरान


आतंकी हमले की आशंका पर रावलपिंडी रैली टालने की सलाह को दरकिनार करते हुए इमरान खान अपने कार्यक्रम पर बरकरार हैं. उन्होंने अपने सभी कार्यकर्ताओं को भारतीय समयानुसार दोपहर डेढ़ बजे तक रावलपिंडी पहुंचने के लिए कहा है. आजादी मार्च में शामिल होने के लिए देर रात से ही रावलपिंडी, इस्लामाबाद, गुजरांवाला के इलाके में पीटीआई के कार्यकर्ताओं का बड़ा जमावड़ा शुरू हो चुका है. 


रावलपिंडी में है पाक सेना मुख्यालय


रावलपिंडी में ही पाक सेना का मुख्यालय है. पाक सेना के गढ़ में ही इनरान खान नए सेना प्रमुख ले. जनरल मुनीर को चुनौती दे सकते हैं. इमरान पिछले कई दिनों से आर्मी से सीधा हमला कर रहे हैं. वे पाक आर्मी चीफ जनरल बाजवा पर कई गंभीर आरोप लगा चुके हैं. नए आर्मी चीफ के साथ उनके रिश्ते पहले से खराब हैं, लिहाजा फौज के सबसे बड़े गढ़ रावलपिंडी में इमरान का शक्ति-प्रदर्शन टकराव को और बढ़ा सकता है. 


सेना के लिए सिरदर्द बने इमरान


इमरान ने मार्च से पहले अपने घर पर मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मुझे मालूम है कि मेरी जान खतरे में है और मुझ पर एक और हमला हो सकता है. लेकिन इसके बावजूद मैं पहुंचकर रहूंगा. पूर्व पीएम के इस ऐलान ने नए सेना प्रमुख की चुनौती को बढ़ा दिया है. इमरान खान अब सरकार और सेना दोनों के लिए सिरदर्द बन चुके हैं. 


इमरान-जनरल मुनीर में जंग क्यों


इमरान और लेफ्टिनेंट जनरल मुनीर के बीच जंग की शुरुआत वहां से हुई थी, जब जनरल मुनीर ने ISI चीफ रहते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी के भ्रष्टाचार को पकड़ लिया था. मुनीर ने इसकी जानकारी इमरान खान को भी दी. उन्हें भ्रष्टाचार से जुड़े कुछ दस्तावेज भी दिखाए. हालांकि इससे इमरान खान भड़क गए थे और उन्होंने मुनीर ने ISI चीफ के पद से ही हटा दिया. 


पाकिस्तान में सेना और सियासत नहीं रहे साथ


पाकिस्तान में सेना और सियासत के बीच कब कोई विवाद हो जाए, किसी को नहीं पता. 75 सालों का इतिहास उतार-चढ़ाव भरा रहा है. पाकिस्तान की राजनीति में सेना का दखल बंटवारे के बाद यानी 1947 से ही रहा है. पाकिस्तान बनने के बाद से अब तक यानी 75 सालों के दौरान सेना ने तीन बार यहां की सत्ता हथिया ली और तीन दशकों से ज्यादा समय तक सीधे इस्लामी गणराज्य पर शासन किया है.


ये भी पढ़ें-Pakistan: इमरान खान बोले- मेरी पार्टी को सत्ता में वापसी के लिए प्रचार करने की जरूरत नहीं