पाकिस्तान के अगले आर्मी चीफ की रेस में शामिल हैं ये 6 बड़े नाम, PM शहबाज शरीफ लेंगे फैसला
Pakistan New Army Chief: पाकिस्तान में अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है, क्योंकि थल सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
Pakistan Next Army Chief: पाकिस्तान में अगले आर्मी चीफ को लेकर विचार-विमर्श का दौर जारी है. जल्द ही पाक प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ नए आर्मी चीफ की नियुक्ति कर सकते हैं. सोमवार को प्रधानमंत्री कार्यालय को अगले सेनाध्यक्ष (COAS) की नियुक्ति के लिए रक्षा मंत्रालय से वरिष्ठ अधिकारियों के नामों की लिस्ट भी मिल गई है. विवरण के अनुसार, अगले सेना प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू हो गई है, क्योंकि थल सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं.
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह, कानून मंत्री अयाज सादिक की उपस्थिति में अगले सेना प्रमुख और अध्यक्ष ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) के नामों पर चर्चा करने के लिए पीएम शहबाज की अध्यक्षता में एक बैठक भी की गई है. रक्षा मंत्रालय ने पीएमओ को 6 नामों की लिस्ट भेजी है, इन्हीं में से अगला सेनाध्यक्ष हो सकता है.
- लेफ्टिनेंट जनरल असीम मुनीर
- लेफ्टिनेंट जनरल साहिर शमशाद
- लेफ्टिनेंट जनरल अजहर अब्बास
- लेफ्टिनेंट जनरल नौमन महमूद
- लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद
- लेफ्टिनेंट जनरल मुहम्मद आमिर
2016 में नियुक्त हुए थे बाजवा
पाकिस्तानी संविधान के अनुच्छेद 243 के अनुसार, सीओएएस का चयन संघीय सरकार की एक विशेष जिम्मेदारी है. 2016 में, पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने 61 वर्षीय जनरल बाजवा को पाकिस्तानी सशस्त्र बलों का नेतृत्व करने के लिए नामित किया था. चार सितारा जनरल जनरल बाजवा को बाद में थलसेनाध्यक्ष के रूप में तीन साल का विस्तार मिला.
पाकिस्तानी सेना प्रमुख की नियुक्ति कैसे होती है?
पाकिस्तानी कानून के तहत, मौजूदा प्रधानमंत्री को चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ चुनने का अधिकार है. रक्षा मंत्रालय के माध्यम से - सारांश के रूप में प्रधानमंत्री को सामान्य मुख्यालय से चार से पांच वरिष्ठतम लेफ्टिनेंट जनरलों की एक सूची प्राप्त होती है. जैसे ही सारांश को ट्रांसफर किया जाता है, सेना, सरकारी अधिकारियों और उनके सहयोगियों के साथ चर्चा के बाद, देश और पाकिस्तानी सेना की सफलता के लिए सबसे अनुकूल माने जाने वाले व्यक्ति को नियुक्त करने के लिए प्रधानमंत्री अपने संवैधानिक अधिकार का प्रयोग करते हैं.