India-Pakistan Relation: भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर एक बेहद संवेदनशील मुद्दा माना जाता है. कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान हमेशा से जहर उगलता रहा है. वो हमेशा से कश्मीर को लेकर भड़काऊ बयानबाजी करता रहता है और साथ-साथ ही घड़ियाली आंसू भी बहाता रहा है.


संयुक्त राष्ट्र (UN) ने हाल ही में एक रिपोर्ट पेश की है, जिसमें उन्होंने भारत का नाम उस लिस्ट से हटा दिया है, जिसमें बच्चों पर पड़ने वाले सशस्त्र संघर्ष का प्रभाव शामिल था. इसका मतलब की कश्मीर में बच्चे पहले के मुकाबले ज्यादा सुरक्षित है. इस लिस्ट में से भारत का नाम हट जाने से पाकिस्तान की बहुत दुखी है. भारत को 2010 से ही बुर्किना फासो, कैमरून, लेक चाड बेसिन, नाइजीरिया, पाकिस्तान और फिलीपींस सहित अन्य देशों के साथ रिपोर्ट में शामिल किया गया था.


पाकिस्तान और ज्यादा चिंतित
बच्चों की सुरक्षा आधारित लिस्ट से भारत का नाम हट जाने के बाद पाकिस्तान और ज्यादा चिंतित हो गया है. पाकिस्तान ने हमेशा ही इंटरनेशनल स्टेज पर कश्मीर को बेवजह की गलत बातें बताकर भारत की छवि को धूमिल करने की कोशिश की है. वहीं बच्चों की सुरक्षा खतरे वाली लिस्ट में अभी भी पाकिस्तान का नाम शामिल है.



जम्मू-कश्मीर में सशस्त्र समूहों के तरफ से युवा लड़कों की भर्ती और सशस्त्र समूहों के साथ संबंध के आधार पर सुरक्षाबलों की ओर से लड़कों को हिरासत में लेने के आरोपों के कारण भारत को सूची में शामिल किया गया था.


पाक के मानवाधिकार वाले एजेंडे को करारा झटका


संयुक्त राष्ट्र के तरफ से जारी रिपोर्ट के बाद से पाकिस्तान का मानवाधिकार वाले एजेंडे को करारा झटका लगा है और कश्मीर को लेकर पाकिस्तान की ये नई हार है. कश्मीर में हो रही तरक्की का लोहा न सिर्फ दुनिया मान रही है, बल्कि कई पाकिस्तानी अवाम भी इस बात को मानती है. इस पर एक पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि भारत के साइड वाले कश्मीर है विकास हो रहा है, वहीं पाकिस्तान में नहीं हो रहा है.


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