इस्लामाबाद: सऊदी अरब और पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा ब्लैक लिस्ट में डाली जाने वाली व्यवस्था के ‘राजनीतिकरण’ का विरोध किया. उनका विरोध ऐसे समय में सामने आया है जब पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह के प्रमुख मसूद अजहर को भारत वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने का प्रयास तेज कर रहा है. भारत-पाकिस्तान के बीच चल रहे तनावों के बीच भारत दौरे से पहले सऊदी के शाहजादे मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए बातचीत ही एकमात्र रास्ता है. उनके दौरे के अंत में जारी संयुक्त बयान में यह बात कही गई है.


शाहजादे सलमान का चर्चित इस्लामाबाद दौरा जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सबसे भीषण आतंकवादी हमले के बाद हो रहा है. पुलवामा ज़िले में बीते बृहस्पतिवार को जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरा वाहन सीआरपीएफ के काफिले में घुसा दिया जिसमें 40 जवान शहीद हो गए. शाहजादे 19-20 फरवरी को भारत के दौरे पर जाएंगे. उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर प्रधानमंत्री इमरान खान से बातचीत की.


संयुक्त बयान में बताया गया, ‘‘उन्होंने संयुक्त राष्ट्र काली सूची व्यवस्था के राजनीतिकरण को रोकने की जरूरत पर भी बल दिया.’’ उनका इशारा जैश के प्रमुख अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के भारत के प्रयास की तरफ था. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में वीटो शक्ति वाला चीन अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत, अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस के प्रयासों को लगातार बाधित करता रहा है.


संयुक्त बयान में बताया गया कि सऊदी के शाहजादे सलमान ने भारत के साथ वार्ता और सिख श्रद्धालुओं के लिए करतारपुर गलियारा खोले जोन के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान के प्रयासों की प्रशंसा की.


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