PTI और पाकिस्तानी सेना के बीच टकराव की साजिश करना है विरोधी पार्टियों का मकसद- इमरान खान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने आरोप लगाया कि 'विपक्षी दल उनकी पार्टी की सेना से भिड़ंत करवाना चाहती है'. उन्होंने रैली के दौरान विपक्षी दल के नेताओं पर तीखा हमला भी किया.
Hakiki Azadi March: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मंगलवार (1 नवंबर) को अपने राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि वे उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी (PTI) और देश की सेना के बीच टकराव की साजिश कर रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि उनका मकसद रैली के जरिए हकीकी आजादी (वास्तविक आजादी) हासिल करना है. इमरान खान के अनुसार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव तुरंत कराये जाने पर ही हकीकी आजादी संभव है और वह देश के प्रतिष्ठान (सेना) के खिलाफ नहीं हैं.
नवाज शरीफ को दी चुनौती
‘हकीकी आजादी मार्च’ के पांचवें दिन गुजरांवाला में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने समर्थकों को संबोधित किया. इस दौरान खान ने अपने राजनीतिक विरोधियों पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के खिलाफ तीखा हमला जारी रखा. खान ने आरोप लगाया, 'वे लोग देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी पीटीआई (PTI) और सेना के बीच टकराव की साजिश कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'नवाज शरीफ, मैं आपको चुनौती देता हूं, जब आप वापस आएंगे तो मैं आपको आपके ही निर्वाचन क्षेत्र में पराजित कर दूंगा.'
जेल भेजने की दी धमकी
इमरान खान तीन बार के पूर्व प्रधानमंत्री को चेतावनी दी कि जब वह पाकिस्तान लौटेंगे, तो 'हम आपको हवाई अड्डे से अदियाला जेल ले जाएंगे.’ पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पूर्व राष्ट्रपति और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के नेता जरदारी पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें भुट्टो-जरदारी परिवार के पारंपरिक गढ़ सिंध में उनके आगमन के लिए तैयार रहना चाहिए. खान ने कहा, ‘‘जरदारी ध्यान से सुनो, मैं सिंध आ रहा हूं.’’
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने खान के इस रैली पर तंज कसते हुए कहा, "पार्टी 2000 लोगों की भीड़ भी नहीं जुटा पा रही है, जबकि 10 लाख लोगों को जमा करने का दावा कर रही है".
क्या है हकीकी आजादी मार्च?
पाकिस्तान की मौजूदा शहबाज शरीफ की सरकार के खिलाफ पूर्व पीएम इमरान खान लाहौर से इस्लामाबाद तक एक हकीकी आजादी मार्च निकालने जा रही है. जिससे सत्तारूढ़ सरकार पर दबाव बनाया जा सके. सरकार और सेना को यही बात रास नहीं आ रही है. इसको लेकर इस्लामाबाद में फौज की तैनाती कर दी गई है तो वहीं सरकार ने भी दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं.
ये भी पढे़ं:इमरान खान ने क्यों कहा पाकिस्तान में अब हो सकता है जबर्दस्त खूनखराबा?