नई दिल्ली: पाकिस्तान के सिंध इलाके में लोग पानी की किल्लत से परेशान हैं. इस परेशानी से बचने के लिए लोग एक बेहद ही नायाब तरीका अपना रहे हैं. दरअसल लोग पानी के लिए अपनी बकरियां दे रहे हैं.


बीबीसी के मुताबिक फरयाल सलाहुद्दीन ने सिंध के रेगिस्तान के गांव की तस्वीर बदल दी है. वह बकरियों के बदले लोगों को पानी दे रही हैं. फरयाल एक ऊर्जा कंसल्टेंट हैं. वे बताती हैं, "मैं एक समय के बाद कराची गई थी. मेरे चाचा ऑस्ट्रेलिया से आए हुए थे. वह अपने दोस्तों के साथ सिंध जा रहे थे. मैं उनके साथ सिंध के गांवों में जाना शुरू कर दिया. तब मुझे एहसास हुआ कि यहां पानी की भारी जरूरत है.''


पाकिस्तान में एक करोड़ 60 लाख से अधिक लोगों के पास पीने के लिए साफ पानी नहीं है. फरयाल इस तस्वीर को बदलना चाहती थी. लोगों की हालत देख कर फरियाल ने गांव वालों के साथ व्यापार शुरू किया. जिसके तहत वह गांव वालों से बकरी लेती थीं और उसके बदले पानी के पंप उपलब्ध कराना शुरू कर दिया. लेकिन पानी के पंप के बदले पैसे की जगह वे बकरियां क्यों लेती हैं? इसका जवाब देते हुए वह कहती हैं कि गांव वालों के पास पैसे नहीं हैं लेकिन बकरियां हैं.


सिंध के गांवों में बिजली की भी कमी है. गांव वालों को डीजल से चलने वाले पंपों का इस्तेमाल करना पड़ता था, जिसका खर्च महंगा था. फरियाल एक गांव में सोलर पंप लगाने के बदले में 80 बकरियां चाहती हैं लेकिन गांव वाले 20-25 बकरियों से अधिक देने के लिए तैयार नहीं हैं.


गांव के रहने वाले एक शख्स ने बीबीसी को बताया, "यहां दोनों गांवों में 170 से 180 घर हैं. अगर यहां के सभी घरों की तलाशी लें तो दस हजार रुपये भी बड़ी मुश्किल से निकलेगा, शायद उतने भी ना निकलें.'' गांव वालों का कहना है कि बकरी दे देने तकलीफ तो होती है लेकिन पानी अधिक बड़ा मसला है. सिंध के रेगिस्तानी इलाकों में लोगों की जिंदगी बकरियों पर टिकी हुई हैं. दूध से लेकर बीमारी तक में बकरियां इनकी मददगार होती हैं.