Protest Against Terrorism In Pakistan: पाकिस्तान में बढ़ते आतंक के खिलाफ लोग उतरे सड़कों पर, PPP-ANP की रैली, PTI ने भी निकाला 'अमन मार्च'
पाकिस्तान में खैबर पख्तूनख्वा के प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं तो दहाशतगर्दों से आमजन कैसे सुरक्षित रहेंगे.
Pakistan Terrorism Issue: पाकिस्तान के कई हिस्सों में कट्टरपंथियों के हमले बढ़ गए हैं. यहां खैबर पख्तूनख्वा प्रांत (Khyber Pakhtunkhwa) की मस्जिद में ब्लास्ट (Peshawar Mosque Blast) की हालिया घटना पर स्थानीय लोगों ने रोष जताया. 30 जनवरी को मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले में 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद आमजन शुक्रवार को सड़कों पर उतरे. कई सियासी दलों ने रैलियां भी निकालीं.
पाक में रैलियां ऐसे समय में हो रही हैं जब पाकिस्तान (Pakistan) आतंकवाद की लहर से प्रभावित है. खासकर खैबर पख्तूनख्वा के पुलिस लाइंस एरिया, बलूचिस्तान (Balochistan) और पंजाब के शहर मियांवाली में भी, जो भी नजदीकी इलाके हैं. इन सभी जगहों पर स्थानीय लोगों ने दहशतगर्दी के खिलाफ प्रदर्शन किया.
कई सियासी दलों ने की रैलियां
शांगला जिले में शुक्रवार को स्थानीय संगठनों द्वारा कई रैलियों का आयोजन किया गया. वहीं, पीटीआई, पीपीपी, अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) और अन्य सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेतृत्व ने भी रैलियों को संबोधित किया. इस दौरान सफेद झंडे लिए नेताओं ने पेशावर में 30 जनवरी को हुए भयानक विस्फोट के पीड़ितों के लिए न्याय और क्षेत्र में स्थायी शांति की मांग की.
मुख्य रैली करोड़ा क्षेत्र से शुरू हुई और अलपुरी के जिला मुख्यालय पर पहुंचते ही अन्य लोगों के शामिल होते ही एक विशाल सभा में बदल गई. जहां वक्ताओं ने कहा कि नागरिकों की रक्षा करना संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी थी, उन्होंने अफसोस जताया कि वे रुचि नहीं ले रहे थे और केवल राजनीतिक मामलों में लगे हुए थे.
'पेशावर त्रासदी सबसे बड़ी सुरक्षा चूक'
एएनपी नेता मुहम्मद यार खान ने कहा कि पेशावर त्रासदी "सबसे बड़ी सुरक्षा चूक" थी. उन्होंने सवाल किया कि कैसे एक आत्मघाती हमलावर इतने संवेदनशील क्षेत्र में प्रवेश करने में सफल रहा. उन्होंने कहा कि सड़कों पर उतरने का हमारा एकमात्र उद्देश्य "आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में पूर्ण शांति बहाल करना" है.
उन्होंने कहा, "हम किसी को शांति भंग नहीं करने देंगे." उन्होंने यह भी सवाल किया कि इस मामले को लेकर प्रशासन क्या कदम उठा रहा है, लोगों को सुरक्षा क्यों नहीं दी जा रही है.
'पुलिस सुरक्षित नहीं, तो लोगों की सुरक्षा कौन करेगा'
पीपीपी के एक स्थानीय नेता गुलाममुल्ला ने कहा, "पुलिस का खून इतना सस्ता नहीं है कि अधिकारी सड़कों या मस्जिदों में मारे जाएं. उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि आतंकवाद के कारण सैकड़ों पुलिस अधिकारियों ने अपनी जान गंवाई है. उन्होंने कहा, "अगर प्रांत में पुलिस सुरक्षित नहीं है, तो लोगों की सुरक्षा कौन करेगा?"
پاکستان کی عوام کا واضح فیصلہ، دہشتگردی نامنظور!
— PTI (@PTIofficial) February 3, 2023
#پاکستان_امن_مارچ pic.twitter.com/6aend2ZjMr
बढ़ती महंगाई और आतंकवाद से परेशान हैं लोग
गुलाममुल्ला ने कहा कि प्रदर्शनकारी प्रांत में लोगों के लिए शांति और सुरक्षा चाहते हैं. हम चाहते हैं कि आगे इस तरह का नरसंहार और कहीं न हो. शांगला कोल माइन वर्कर्स राइट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष आबिद यार ने कहा कि लोग दो मोर्चों पर कठिनाई का सामना कर रहे हैं- बढ़ती महंगाई और बढ़ता आतंकवाद.
एक जगह प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अगर आतंकवाद का सफाया नहीं किया गया तो वे क्षेत्र में एक व्यापक शांति आंदोलन शुरू करेंगे.
یہ امن کی خواہاں پاکستانی قوم کسی کی جنگ میں اپنا لہو نہیں بہائے گی !! #پاکستان_امن_مارچ pic.twitter.com/DRjtkBBllr
— PTI (@PTIofficial) February 3, 2023
पीटीआई ने निकाला 'अमन मार्च'
इस बीच, प्रांत की पूर्व सत्ताधारी पार्टी पीटीआई ने भी स्वाबी, मर्दन, चरसड्डा, बन्नू, लोअर दीर और टिमरगारा में 'अमन मार्च' निकाला.