Pakistan Shares PM Modi Video: पाकिस्तान इस वक्त आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है. लगातार पाकिस्तान पर कर्ज का बोझ बढ़ रहा है और वो दुनियाभर में झोली फैलाकर मदद की गुहार लगा रहा है. इसी बीच शहबाज शरीफ के भारत को लेकर रुख बदले बदले नजर आ रहे हैं. उन्होंने पीएम मोदी से बातचीत की अपील की है. वो भारत से अच्छे रिश्ते के पक्षधर बन गए हैं. अब जब शहबाज शरीफ ने भारत से बातचीत की बात कही तो पीएम मोदी का एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर अचानक वायरल होने लगा है. 


दअरसल शहबाज शरीफ कई बार अपने बड़बोलेपन का शिकार हुए हैं. एक बार उन्होंने पीएम मोदी को लेकर भी उलजलूल बातें कहीं थीं. उन्होंने कहा था कि अल्पसंख्यकों को भारत में सताया जा रहा है. 


अब पीएम मोदी का पुराना वीडियो शहबाज के इसी बयान के जवाब में ट्विटर यूजर खूब शेयर कर रहे हैं. सबसे दिलचस्प बात ये है कि पीएम मोदी की वीडियो को पाकिस्तान के ही लोग शेयर कर शहबाज शरीफ को जवाब दे रहे हैं. 






भारत में अल्पसंख्यकों के लिए 'चिंता प्रकट' करने वाले शहबाज के बयान पर पाकिस्तानी ट्विटर यूजर ने पीएम मोदी का एक पुराना वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'अगली बार नरेंद्र मोदी को 'एंटी-इस्लामिक' बोलने से पहले दो बार सोचें.' 


दरअसल पीएम मोदी का वायरल वीडियो उस वक्त का है जब वो गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे. वीडियो में मोदी एक भारतीय न्यूज चैनल के साथ इंटरव्यू में इस्लाम पर अपने विचार बताते नजर आ रहे हैं. 


क्यों है अमन की दरकार पाक को?


पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पाकिस्तान के हालातों को देख खासे परेशान हैं. उन्होंने पाक में लगातार बढ़ते जा रहे वित्तीय संकट को देखते हुए कहा कि उन्हें दोस्त देशों से और अधिक लोन मांगने में शर्मिंदगी महसूस हो रही है. पीएम शहबाज ने ये भी कहा कि नकदी की परेशानी से जूझ रहे देश की आर्थिक चुनौतियों के लिए ये स्थायी समाधान नहीं है.


पाकिस्तान के आर्थिक हालात वहां चल रहे राजनीतिक संकट की वजह से खासे खराब हैं. रुपये का मूल्य तेजी से गिरता जा रहा है. महंगाई ने वहां सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले हैं. कोविड की महामारी के बाद इस पड़ोसी देश में आई भयंकर बाढ़ ने वहां मुसीबतें बढ़ा डाली हैं. इसके साथ वैश्विक ऊर्जा संकट से हालात बेकाबू हो गए हैं.


ऐसे में देश के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ये कहें कि वह भारत के साथ रिश्ते सुधारने को लेकर संजीदा है तो ये बात कुछ हजम नहीं होती. दरअसल हर वक्त जिस पड़ोसी देश भारत की नींव खोदने की पाकिस्तान लगातार कोशिशें करता रहता है. उसे लेकर अचानक से नरम लहजे में उतर आना. पाक पीएम का ये कहना कि यह हम पर निर्भर करता है कि हम अमन-चैन से रहे और तरक्की करें या फिर एक-दूसरे से झगड़कर वक्त और संसाधनों को बर्बाद करें. 


आलम ये है कि जिस जम्मू-कश्मीर के मुद्दे को वैश्विक मंचों पर उठाकर वो हमेशा भारत को नीचा दिखाने की कोशिशों में रहता है. अब वो उस पर भी बात करने को तैयार हैं. पाक पीएम ने कहा, ‘’मेरा भारत के नेतृत्व और पीएम नरेंद्र मोदी को संदेश है कि चलो हम अपने कश्मीर जैसे  ज्वलंत मुद्दों को सुलझाने के लिए पूरी संजीदगी और ईमानदारी से बात करते हैं.”


उन्होंने आगे कहा, “हम पड़ोसी है हमें एक-दूसरे के साथ रहना है, हम भारत के साथ लड़ी तीन जंग का नतीजा झेल चुके हैं जो मुसीबतें, गरीबी और लोगों के लिए बेरोजगारी लेकर आईं. हमने अपना सबक सीख लिया है. हम अमन से रहना चाहते हैं और अपनी वास्तविक परेशानियों को सुलझाना चाहते हैं. गरीबी मिटाकर, खुशहाली तरक्की के साथ तालीम, सेहत की सुविधाएं अपने लोगों को देना चाहते हैं. हम बम और हथियारों पर अपने संसाधन बर्बाद नहीं करना चाहते हैं.” 


पाक पीएम शहबाज शरीफ ने कहा, "यूएई परमाणु हथियार संपन्न भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत दोबारा शुरू करने में अहम भूमिका निभा सकता है." बीते हफ्ते  पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि उनका देश कश्मीर सहित भारत के साथ सभी लंबित मुद्दों के समाधान में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता का स्वागत करता है. बलोच ने ये भी  कहा था कि इस्लामाबाद कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के तहत कोशिश करता रहेगा.