Pakistan Bomb Blast: पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार (30 जनवरी) को मस्जिद में आत्मघाती बम धमाका हुआ था. इस फिदायीन हमले में 101 लोगों की जान चली गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. इस हमले के बाद पाकिस्तान पुलिस अधिकारी ने कहा कि बढ़ते आतंकी उग्रवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई में उन्हें जानवरों के लिए हवाले कर दिया गया.


इस आत्मघाती हमले में पुलिस के दर्जन भर लोगों की मौत हो चुकी है. पुलिस की वर्दी पहने एक आत्मघाती हमलावर ने सोमवार (30 जनवरी) को पेशावर में कड़ी सुरक्षा वाले परिसर में घुसपैठ की और एक मस्जिद में दोपहर की नमाज के दौरान खुद को उड़ा लिया, पाकिस्तान ने कई सालों में सबसे घातक हमला देखा है.


लगातार हो रहे है हमले


विदेशी मीडिया न्यूज एजेंसी एएफपी को इंटरव्यू देते हुए पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी ने बताया कि हम लोग हमले के बाद सदमे में चले गए हैं. हर रोज हमारे पुलिस साथी मर रहे हैं. कब तक ऐसा चलता रहेगा और कब तक हम सहते रहेंगे?


एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि अगर सुरक्षा करने वाले ही सुरक्षित नहीं हैं तो देश में दूसरे लोग कैसे सुरक्षित रह पाएंगे. पुलिस अथॉरिटी ने कहा कि इस बम धमाके में आम जनता भी मारी गई है. उन्होंने कहा कि आतंकियों ने अफगानिस्तान के बॉर्डर से सटे एरिया में इस्लामी समूहों की ओर से किए जा रहे लगातार हमलों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का बदला लेने के लिए ये फिदायीन हमला किया.


आतंकवादियों को मिला मौका


एक पाकिस्तानी जूनियर अधिकारी ने कहा कि हम इस लड़ाई के खिलाफ सबसे आगे है. हम स्कूलों, कार्यालयों और सार्वजनिक स्थानों की रक्षा कर रहे हैं, लेकिन आज हम अलग-थलग महसूस कर रहे हैं. देश ने हमारे हाथ बांध दिए हैं और हमें जानवरों के लिए फेंक दिया है.


पाकिस्तान में कुछ समय के बाद ही आम चुनाव होने वाले हैं. इस पर देश के कई राजनेताओं ने बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के लिए एक दूसरे पर दोष मढ़ रहे हैं. इसके साथ ही पाकिस्तान एक बहुत ही गंभीर आर्थिक संकट से भी जूझ रहा है. विश्लेषकों का कहना है कि एक अच्छे लीडर की कमी की वजह से आतंकवादियों को फिर से संगठित होने और देश को निशाना बनाने के लिए मौका मिल गया है.


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