पाकिस्तान: मौलाना के आगे झुके इमरान खान, इस्तीफे को छोड़कर सभी मांगें मानने को तैयार
पूर्व क्रिकेटर से पीएम बने इमरान खान को सत्ता संभाले करीब 14 महीने हो चुके हैं. उनके कार्यकाल में पाकिस्तान की जनता बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई से जूझ रही है. इसी को लेकर इमरान खान के खिलाफ सभी विपक्षी पार्टियां लामबंद हो गईं.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि वह अपने इस्तीफे को छोड़कर 'आजादी मार्च' में शामिल प्रदर्शनकारियों की सभी जायज मांगें मानने को तैयार हैं. आजादी मार्च का नेतृत्व तेजतर्रार मौलवी और मौलाना फजलुर्रहमान कर रहे हैं. खान ने कथित रूप से यह बात रक्षा मंत्री परवेज खत्ताक के नेतृत्व वाली टीम की बैठक में कही, जिसे इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से वार्ता करने की जिम्मेदारी दी गई है.
सभी जायज मांगें मानने को तैयार- इमरान खान
'एक्सप्रेस ट्रिब्यून' ने इमरान खान के हवाले से कहा, "सरकार इस्तीफे को छोड़कर सभी जायज मांगें मानने को तैयार है." इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी शुजात हुसैन के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार रात फजलुर्रहमान से मुलाकात की. इससे कुछ ही घंटे पहले रक्षा मंत्री परवेज खत्ताक के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने जेयूआई-एफ नेता अकरम खान दुर्रानी के नेतृत्व वाली रहबर समिति के साथ मुलाकात कर उनकी मांगों पर चर्चा की.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान क्यों मुसीबत में हैं? क्या है मौलाना का आजादी मार्च?
मौलाना फजलुर्रहमान प्रधानमंत्री इमरान खान को सत्ता से हटाने की पुरजोर कोशिश में जुटे हैं. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) समेत विपक्षी दलों ने भी इस सरकार विरोधी प्रदर्शन को समर्थन दिया है.
बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई से जूझ रही है पाकिस्तान की जनता
दरअसल पूर्व क्रिकेटर से पीएम बने इमरान खान को सत्ता संभाले करीब 14 महीने हो चुके हैं. उनके कार्यकाल में पाकिस्तान की जनता बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई से जूझ रही है. इसी को लेकर इमरान खान के खिलाफ सभी विपक्षी पार्टियां लामबंद हो गईं और मौलाना फलुर रहमान के नेतृत्व में इमरान खान के इस्तीफे की मांग करने लगीं. इस दौरान पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद सहित कई बड़े शहरों से 27 अक्टूबर को आजादी मार्च की शुरुआत हुई.
आजादी मार्च के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे लोगों ने हाल के दिनों में अपना प्रदर्शन और तेज कर दिया. पाकिस्तान में इसका बड़ा असर देखने को मिला. इसी के साथ विदेशी मीडिया भी इस मार्च को प्रमुखता से छापने लगी, जिसकी वजह से इमरान खान सरकार की नाकामी पूरी दुनिया में उजागर हो गई.
यह भी पढ़ें-
दिल्ली में आज प्रदूषण कम, पराली जलाने को लेकर पंजाब, हरियाणा-यूपी के मुख्य सचिवों की आज SC में पेशी
दिल्ली: Odd-Even योजना के दूसरे दिन कटे 562 चालान, आज चलेंगी ईवन नंबर की गाड़ियां
ओडिशा पर फिर मंडरा रहा चक्रवात का खतरा, 15 जिलों में जारी किया गया अलर्ट
दिल्ली: प्रदूषण की समस्या से प्रियंका गांधी चिंतित, नेताओं को दिए जन अभियान शुरू करने के निर्देश