पाकिस्तान में TLP का मार्च:आतंकवाद और हिंसा को बढ़ावा देने वाले पड़ोसी देश पाकिस्तान में इन दिनों हालात बिगड़े हुए हैं. तहरीए-ए-लब्बैक यानी TLP का मार्च राजधानी इस्लामाबाद के करीब पहुंच गया है. इस मार्च में हजारों की संख्या में लोग हिस्सा ले रहे हैं. हालातों का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि TLP मार्च की खबरें दिखाने पर इमरान सरकार ने BOL न्यूज का प्रसारण निलंबित कर दिया है. ऐसे हालात से निपटने के लिए प्रधानमंत्री इमरान खान ने आज नेशनल सिक्योरिटी कमेटी की इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है. जानिए आखिर पूरा मामला क्या है.


ताजा हालात क्या हैं?


पाकिस्तान की सड़कों पर उतरे TLP के समर्थक पिछले करीब 2 हफ्तों से इमरान सरकार के गले की हड्डी बने हुए हैं. हजारों की संख्या में TLP समर्थक इस्लामाबाद की तरफ बढ़ रहे हैं. कहीं फायरिंग हो रही है तो कही, भीड़ को रोकने के लिए सड़क के बीचों बीच मिट्टी और कंटेनर का ढेर लगा दिया गया है. इमरान इतने डर चुके हैं कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सेना भेज दी गई. TLP के साथ मौलाना फजलुर रहमान जैसे कट्टरपंथी नेता भी मौजूद हैं. जो पहले भी इमरान खान के पसीने छुड़ा चुके हैं. इमरान को डर है कि ये कदम अगर राजधानी इस्लामाबाद पहुंच गए तो इनके तले उनकी हुकूमत रौंद दी जाएगी.


इमरान ने BOL न्यूज को किया बैन


पाकिस्तानी मीडिया लगातार इस प्रदर्शन और सरकार के हर कदम की कवरेज कर रहा है . कोई सरकार का साथ दे रहा है तो कोई हल्के सुर में TLP के साथ नजर आ रहा है. यही वजह है कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी यानि PEMRA ने एक नोटिस जारी किया है. जिसके मुताबिक पाकिस्तान का कोई भई टीवी चैनल तहरीक लब्बैक पाकिस्तान से जुड़ी किसी भी खबर का प्रसारण नहीं कर सकता. वहीं, टीएलपी मार्च के कवरेज के लिए BOL न्यूज को बैन कर दिया गया है.


जानकार मानते हैं कि इमरान को सत्ता से उखाड़ फेंकने के लिए सेना प्रमुख बाजवा ने ये पूरी साजिश रची है, जिसमें TLP एक मोहरा है और अब इमरान बाजवा की इस कथित चाल में फंसते नजर आ रहे हैं.


TLP की क्या नाराजगी है?


दरअसल, ये सारा बवाल पैगम्बर मोहम्मद की बेअदबी से जुड़ा है. पिछले साल फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद के कार्टून को लेकर एक विवाद हुआ था, जिसे फ्रांस ने अभिव्यक्ति की आजादी बताया था. उसके बाद से ही TLP पाकिस्तान से फ्रांस को राजदूत को निकालने की मांग कर रही है. इस साल अप्रैल में  TLP के प्रमुख साद रिजवी ने  इसे लेकर विरोध किया. मामला बढ़ा और साद को  हिरासत में ले लिया गया.


अब मांगे कई हैं लेकिन इमारन सरकार उन्हें पूरा करने के हालात में नहीं है. ऐसे में जब घर में लगी इस आग को बुझाया नहीं जा पा रहा है तो इमरान नया हथकंडा लेकर सामने आए हैं और फिलहाल मुंह पर ताले लगाने का फरमान जारी कर चुके हैं.


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