Political Crisis In Pakistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने संसद में अविश्वास प्रस्ताव से अपनी सरकार बचाने के लिए बड़ा दांव खेला है. इमरान खान ने मंगलवार को अपने सभी सांसदो को चिट्ठी लिखकर हिदायत दी है कि उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (PTI) का कोई भी सांसद सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर ना तो वोटिंग करे बल्कि उस वक्त सदन में मौजूद भी ना रहे.
ऐसा करके इमरान खान ने विपक्ष की मुसीबत भी कुछ बढ़ा दी है. अब विपक्ष को इमरान की पार्टी या उनके सहयोगी दलों के कुछ सांसद तोड़ कर सरकार गिराने के लिए अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 172 सांसद जुटाने होंगे.
गौरतलब है कि एक तरफ जहां ये मामला सुप्रीम कोर्ट में गया वहीं पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 63-A के मुताबिक अगर किसी भी पार्टी का सांसद अपनी पार्टी के निर्देश के खिलाफ़ जाता है तो उसकी सदस्यता जा सकती है. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि इमरान से नाराज़ चल रहे सांसद अब इस हिदायत के बाद क्या करते हैं और ऐसे में इमरान के सहयोगी दल भी क्या भूमिका निभाते हैं इसपर भी सबकी नज़र रहेगी.
ये भी देखना बड़ा दिलचस्प होगा कि इमरान खान की पार्टी PTI का कोई सांसद अगर इस चेतावनी के बाद भी सदन में वोटिंग के दिन आकर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोट करता है तो उसकी सदस्यता वोटिंग के बाद जाएगी और उसका वोट गिनती में माना जाएगा या ऐसे सांसदों पर कार्रवाई पहले ही यानी सदन में पहुंचते ही हो जाएगी.
इमरान खान ने इस चिट्ठी में सभी सांसदों को ये भी कहा है कि 31 मार्च से शुरू हो रहे अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में केवल पार्टी द्वारा चिन्हित सांसद ही बोलेंगे और कोई नहीं.
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