पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को खैबर पख्तूनख्वा में स्थानीय सरकार के चुनाव के दूसरे चरण में जबरदस्त सफलता के लिए अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को बधाई दी. पीएम खान ने कहा कि खैबर पख्तूनख्वा के लोगों ने उन गद्दारों को जोरदार तरीके से नकार दिया है, जो विदेशों आकाओं से बिक चुके हैं.
रिटर्निंग ऑफिसर से मिली जानकारी के अनुसार, 41 तहसील परिषदों के शुरुआती नतीजों में पीटीआई कम से कम 20 सीटों पर जीत हासिल कर रही है. बाकी के 21 सीटों में से 8 पर जमीयत उलमा-ए-इस्लाम-फजल (जेयूआई-एफ) के उम्मीदवार आगे हैं. वहीं, चार सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार आगे चल रहे हैं. चार परिषदों में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और दो परिषद में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) आगे है. इसके अलावा जमात-ए-इस्लामी (जेआई) दो सीटों और एक सीट पर अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) आगे चल रही है. हालांकि, अभी आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी होना बाकी है.
65 तहसील परिषदों में अध्यक्ष और महापौर के पदों के लिए वोटिंग हुई थी
जमात-ए-इस्लामी, जिसे लोअर दीर के अपने गढ़ में 2018 के आम चुनाव में झटला लगा था. प्रारंभिक नतीजों के अनुसार, जमात-ए-इस्लामी अभी दो तहसीलों में जीत दर्ज कर चुकी है, जबकि 6 सीटों पर आगे चल रही है. अभी 24 सीटों पर नतीजे आने का इंतजार है. कुल 65 तहसील परिषदों में अध्यक्ष और महापौर के पदों के लिए वोटिंग हुई थी.
चुनाव नतीजे को लेकर पीएम इमरान खान ने खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान को टैग करते हुए लिखा, केपी एलजी चुनाव के दूसरे चरण में कामयाबी के लिए सीएम और हमारी पीटीआई टीम को बधाई. केपी के पीपीएल ने विदेशी आकाओं से बिके देशद्रोहियों को जोरदार तरीके से नकारा है. यह सभी देशद्रोहियों के लिए एक प्रारंभिक चेतावनी है कि उनके निर्वाचन क्षेत्रों में उनका क्या इंतजार है."
योजना मंत्री असद उमर ने भी ट्वीट किया कि केपी चुनावों में पीटीआई की 'लैंडस्लाइड जीत' ने साबित कर दिया कि देश अपने नेता के साथ खड़ा है. उन्होंने कहा, " अब असली फैसला अविश्वास प्रस्ताव से नहीं होगा. सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान का भविष्य उसके लोगों की ओर से तय किया जाएगा या कुछ बिक चुके राजनेता और उनके विदेशी आका करेंगे." जानकारी के मुताबकि, स्वात की सात में से छह तहसील परिषदों में पीटीआई ने जीत हासिल की है.
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