नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने नोबेल शांति पुरस्कार की उठी मांग पर खुद जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि मैं नोबेल शांति पुरस्कार के लिए योग्य नहीं हूं. जो शख्स कश्मीर मसले को हल कर देगा वह इसके लिए योग्य होगा.
दो मार्च को पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी ने इमरान खान को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की मांग की थी. इस संबंध में उन्होंने संसदीय सचिवालय में एक प्रस्ताव दिया था. फवाद चौधरी ने प्रस्ताव में कहा था कि इमरान खान ने भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने में बड़ी भूमिका निभाई है. इसलिए वह नोबेल शांति पुरस्कार के हकदार हैं. फवाद चौधरी के प्रस्ताव पर इमरान खान ने खुद बयान दिया है.
आपको बता दें कि 14 फरवरी के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पहले से अधिक बढ़ गया था. 14 फरवरी को पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हमले को अंजाम दिया था. इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. उसके बाद 26 फरवरी को भारत ने पुलवामा का बदला लेने के लिए पाकिस्तान के बालाकोट में बड़ी कार्रवाई की थी.
पाकिस्तान के मंत्री की बेतुकी मांग, कहा- PM इमरान खान को मिले नोबेल शांति पुरस्कार
भारतीय वायुसेना ने जैश के ठिकानों को तबाह कर दिया था. जिसके अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने भारत में घुसपैठ की कोशिश की थी. पाकिस्तान के मंसूबों को भारतीय वायुसेना ने नाकामयाब कर दिया और उसके लड़ाकू विमान F-16 को मार गिराए. इस दौरान एक भारतीय पायलट अभिनंदन को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया. जिसके बाद दोनों देशों में तनातनी और बढ़ गई.
अंत में भारत के दबाव की वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 28 फरवरी को खुद अभिनंदन को छोड़ने की बात कही. जिसके बाद अभिनंदन कल भारत लौटे. इसे तनाव कम करने की तरफ एक बड़ा कदम माना गया.