Pakistan News: पाकिस्तान में नए आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर विवाद अभी भी खत्म नहीं हुआ है. हालांकि, पाकिस्तान की सरकार इस बारे में दावा कर रही है कि सिविल और मिलिट्री लीडरशीप के बीच कोई मतभेद नहीं है और इस मुद्दे पर दोनों नेतृत्व की राय समान है. गुरुवार को पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी खान ने दावा करते हुए कहा कि आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर सरकार और सेना के बीच कोई विवाद नहीं है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग हर वक्त सुर्खियों में बने रहने के लिए जानबूझकर सोशल मीडिया के जरिए कुछ शब्दों का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं . कुछ लोग ट्वविटर के जरिए शब्दों को पोस्ट कर इस मुद्दे को उछाल रहे हैं.
क्या है विवाद?
दरअसल, 6 अक्टूबर को सेना की तरफ से प्रधान मंत्री इमरान को भरोसे में लिए बिना ही लेफ्टिनेंट नदीम अंजुम अहमद को नया आईएसआई चीफ नियुक्त कर दिया गया था. बताया जाता है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री आईएसआई चीफ की नियुक्त्ति को लेकर खुश नहीं हैं. प्रधानमंत्री इमरान खान के कार्यालय की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अहमद अंजुम को नया आईएसआई चीफ बनाए जाने का नोटिफिकेशन तक नहीं दिया गया. कुछ मंत्रियों का कहना है कि आईएसआई चीफ की नियुक्ति का अधिकार प्रधानमंत्री इमरान खान के पास है. लेकिन प्रधानमंत्री से इस पर कोई विचार विमर्श नहीं किया गया. इमरान खान के एक अहम सहयोगी आमीर डोगर ने भी हाल ही में दावा किया था कि प्रधानमंत्री इमरान खान अभी लेफ्टिनेंट जनरल फैज हमीद को ही आईएसआई चीफ बनाए रखना चाहते हैं.
आईएसआई चीफ के लिए तीन नामों की सूची
पाकिस्तान में नए आईएसआई चीफ की नियुक्ति को लेकर जनरल बाजवा से गतिरोधों के बीच पाक प्रधानमंत्री कार्यालय को आईएसआई चीफ के लिए तीन नामों की सूची मिली है. जिसमें से एक नाम पर इमरान मुहर लगा सकते हैं. इस बीच सूचना मंत्री फवाद चौधरी की ओर से भी ये दावा किया गया है कि बाजवा और इमरान के बीच लंबी बैठक के बाद आईएसआई चीफ की नियुक्त के मुद्दे का हल निकाल लिया गया है. पाक मीडिया में ऐसा कहा जा रहा है कि अब प्रधानमंत्री इमरान खान नए आईएसआई चीफ के उम्मीदवार से निजी मुलाकात कर उनका इंटरव्यू लेंगे. फिलहाल देखना ये है कि कब तक पाकिस्तान में नए आईएसआई चीफ के मुद्दे पर सहमति बन पाती है.