Pakistan Flood Crises: पहले से ही कंगाली की मार झेल रहे पाकिस्तान को जब बाढ़ की मार झेलनी पड़ी तो पीएम शहबाज शरीफ बौखला से गए. दुनिया को अपनी गरीबी का हवाला देते हुए पीएम ने पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति का भी दर्द बयां किया. पीएम ने कहा कि पाकिस्तान में बाढ़ की तबाही के लिए दुनिया की प्रतिक्रिया काबिले तारीफ थी, लेकिन जरूरतों को पूरा करने से बहुत दूर है.


शहबाज शरीफ ने बाढ़ को लेकर क्या कहा?


पाकिस्तानी पीएम ने ब्लूमबर्ग टीवी के साथ इंटरव्यू में विनाशकारी बाढ़ के कारण देश के सामने आने वाली चुनौतियों को रेखांकित किया. उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन के मामले में पाकिस्तान शीर्ष दस सबसे कमजोर देशों में से है. विनाशकारी बाढ़ में लगभग 1,500 लोग मारे गए. 40 लाख एकड़ में खड़ी फसल बह गई और हजारों घर क्षतिग्रस्त हो गए.


पीएम शरीफ ने विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस की हालिया यात्रा का उल्लेख करते हुए कहा, “उन्होंने बाढ़ के हालातों को अपनी आंखों से देखा और कहा 'प्रधानमंत्री, यह अविश्वसनीय है'. एंटोनियो गुटेरेस (Antonio Guterres) एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो कई वर्षों से मानवीय कारणों के लिए अपना जीवन समर्पित कर रहे हैं. उन्होंने अपने जीवन में इस तरह की जलवायु स्थिति पहले कभी नहीं देखी."


अन्य नेताओं की भी की तारीफ


दुनिया के कई नेताओं ने पाकिस्तान (Pakistan) में तबाही के बारे में बात की थी. इस पर पीएम शरीफ ने कहा, "पाकिस्तान की दुर्दशा के बारे में बोलने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन का बहुत आभारी हूं. तुर्की के रेकिपि तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) और फ्रांस के इमैनुएल मैक्रोन (Emmanuel Macron) ने भी ऐसा ही किया था. कई अन्य नेताओं ने इस संबंध में बात की. यह वैश्विक नेताओं के इरादों और ईमानदारी को दर्शाता है. मुझे लगता है कि यह बहुत तेजी से आना चाहिए क्योंकि समय खत्म हो रहा है. हम समय के साथ नही चल रहे है. उन्होंने अलग हुए बाढ़ पीड़ितों के बीच स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं पर भी जोर डाला."


पाकिस्तानी पीएम शरीफ ने रोया अर्थव्यवस्था का रोना


प्रधानमंत्री कहा कि पाकिस्तान के पास खुद राहत और पुनर्वास कार्य के लिए धन नहीं है. बाढ़ से 30 अरब डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है. जब तक दुनिया राहत, पुनर्वास, बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए अरबों डॉलर के साथ नहीं आती है, तब तक चीजें वापस सामान्य नहीं हो पाएगी. पाकिस्तान को अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाना है और लाखों लोगों को उनके रहने की जगह दिलानी है.


पाकिस्तान की कर्ज को लेकर क्या है योजना?


पाकिस्तान के कर्जे के बारे में बात करते हुए, पीएम शहबाज ने कहा कि यूरोपीय नेताओं से पेरिस क्लब के साथ देश के मामले को संभालने के लिए आग्रह किया. जब तक हमें पर्याप्त राहत नहीं मिलती, दुनिया हमसे अपने पैरों पर खड़े होने की उम्मीद कैसे कर सकती है. दुनिया को पाकिस्तान साथ खड़ा होना होगा. एक बार पेरिस क्लब से जगह देने के बाद, पाकिस्तान भी चीन से कर्ज राहत के लिए बात करेगा.


संयुक्त राष्ट्र महासभा के तीसरे दिन पीएम शहबाज की बातचीत में, बाढ़ की तबाही के लिए पाकिस्तान के साथ बड़े पैमाने पर सहानुभूति और एकजुटता दिखाई दी. उन्होंने कहा, "समय आ गया है कि दुनिया इस एकजुटता को ठोस कार्रवाई में बदल दे ताकि पाकिस्तान को इस संकट से उबरने में मदद मिल सके."


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