India Pakistan Relations: आर्थिक तंगी के बीच फिर बोले पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ, 'हम भारत से बात करने को तैयार...'
Pakistan PM On India: तनाव के बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के साथ वार्ता करने की मंशा जाहिर की है. इससे पहले भी उन्होंने इस तरह की पेशकश की थी .
Shehbaz Sharif On India: आर्थिक कंगाली से जूझ रहे पाकिस्तान की मुसीबतें कम नहीं हो रहीं हैं. इस बीच पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक बार फिर भारत के साथ बातचीत करने की पेशकश की है. मंगलवार (1अगस्त ) को पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि दोनों देश तब तक 'सामान्य पड़ोसी' नहीं हो सकते जब तक कि गंभीर मुद्दों पर शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चा नहीं होती.
इस्लामाबाद में पाकिस्तान खनिज शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में अपने भाषण के दौरान शहबाज शरीफ ने भारत के साथ बातचीत का ऑफर दिया. हालांकि, उन्होंने अपने बयान में किसी देश का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा भारत की ओर था. यह उनके बयान से स्पष्ट हो गया. इससे छह महीने पहले भी एक इंटरव्यू के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत के साथ बातचीत की मंशा जाहिर की थी.
पाकिस्तानी पीएम बोले- हम बातचीत के लिए तैयार
मंगलवार को अपने संबोधन में शहबाज शरीफ ने कहा कि युद्ध दोनों देशों के लिए कोई विकल्प नहीं है. युद्ध के परिणामों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 'परमाणु विस्फोट' की स्थिति में कोई भी जीवित नहीं बचेगा.
पाकिस्तान के पीएम ने कहा कि हमारे मन में किसी के खिलाफ कुछ भी नहीं है, हमें अपना खयाल रखना है, अपने राष्ट्र का निर्माण करना है. बिना भारत का नाम लिए शहबाज ने कहा कि हम उनसे (पड़ोसी) बात करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते कि पड़ोसी मेज पर गंभीर मुद्दों पर बात करने के लिए गंभीर हो.
भारत के साथ युद्ध का किया जिक्र
शहबाज शरीफ ने आगे कहा कि यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि हमारे पड़ोसी को यह समझना होगा कि जब तक असामान्यताओं को दूर नहीं किया जाता है और जब तक हमारे गंभीर मुद्दों को समझा नहीं जाता है और शांतिपूर्ण और सार्थक चर्चा के माध्यम से संबोधित नहीं किया जाता है तब तक हम सामान्य पड़ोसी नहीं बन सकते हैं.
भारत के साथ युद्ध का जिक्र करते हुए पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि पिछले 75 वर्षों में हमने तीन युद्ध लड़े और क्या हुआ? इन युद्धों के परिणामस्वरूप गरीबी, बेरोजगारी और लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याण के लिए संसाधनों की कमी में वृद्धि हुई है.
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