(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistan Interim PM: पाकिस्तान के कार्यवाहक प्रधानमंत्री हो सकते है इशाक डार, जानें वजह
Pakistan: पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) आर्थिक नीतियों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर इशाक डार के नाम का प्रस्ताव रखने पर विचार कर रही है.
Pakistan Interim PM: पाकिस्तान (Pakistan) के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पद के लिए सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) वित्त मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) के नाम का प्रस्ताव रखने पर विचार कर रही है. एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार (23 जुलाई) को यह बात कही गई. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के रिपोर्ट के मुताबिक डार का नाम ऐसे समय चर्चा में आया है जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली सरकार ने चुनाव अधिनियम 2017 में बदलाव करने पर विचार विमर्श किया है.
चुनाव अधिनियम 2017 में बदलाव करने से आगामी कार्यवाहक व्यवस्था को इसके संवैधानिक जनादेश से परे फैसले लेने के लिए मजबूती मिलेगी. ऐसा हाल में शुरू की गई आर्थिक योजना की निरंतरता सुनिश्चित करने और सरकार के स्वामित्व वाली संस्थाओं में विदेशी निवेश हासिल करने की प्रक्रिया में तेजी लाने के मद्देनजर किया गया है.
चुनाव अधिनियम 2017 में संशोधन
एक्सप्रेस ट्रिब्यून खबर पत्र ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पाकिस्तान मुस्लिम लीग (PML-N) आर्थिक नीतियों के कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए एक योजना के तहत कार्यवाहक प्रधानमंत्री के लिए डार के नाम का प्रस्ताव रखने पर विचार कर रही है. हालांकि डार की उम्मीदवारी के बारे में अंतिम फैसला पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के परामर्श से अगले सप्ताह लिया जाएगा.
PPP दो मुख्य गठबंधन साझेदारों में से एक है. PML-N के सूत्रों ने बताया कि सरकार चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 230 में संशोधन करने पर विचार कर रही है. इस संशोधन में कार्यवाहक व्यवस्था को आर्थिक फैसले लेने का अधिकार प्रदान करने का प्रावधान किया गया है. इन संशोधनों को नेशनल असेंली में अगले सप्ताह पेश किए जाने की संभावना है, ताकि कार्यवाहक सरकार अर्थव्यवस्था में सुधार करने के लिए आवश्यक फैसले कर सके.
आर्थिक मामलों में फैसले
पाकिस्तान में कैबिनेट के एक वरिष्ठ सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था ऐसे दौर से गुजर रही है, जहां मामलों को सिर्फ रोजमर्रा के फैसले लेने की व्यवस्था पर तीन महीने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता. उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कार्यवाहक सरकार के पास आर्थिक मामलों में निर्णय लेने की अधिक शक्तियां होनी चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) प्रॉग्राम पटरी पर रहे और देश नवंबर में दूसरी समीक्षा पूरी कर ले.
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