पाकिस्तान: क्या हुआ ऐसा कि बंदूकें छोड़कर डांस करने लगे पुलिसवाले, हैरान कर रहा वीडियो
South Waziristan Protest: पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों के डांस और विरोध में भाग लेने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. काफी लोग इस अनोखे अंदाज़ वाले प्रदर्शन का वीडियो शेयर भी कर रहे है.
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South Waziristan Protest: पाकिस्तान के पुलिसकर्मियों ने खैबर पख्तूनख्वा के आतंकवाद प्रभावित दक्षिण वजीरिस्तान में एक शांति विरोध में हिस्सा लिया है. इस विरोध में पाक पुलिसकर्मियों को शांति के लिए डांस करते हुए देखा जा सकता है. आतंकवाद के खिलाफ विरोध बढ़ता जा रहा है. तालिबान के आतंक की वापसी के बीच वजीरिस्तान में प्रदर्शनकारी शांति बहाली की मांग कर रहे हैं.
इस बीच पाकिस्तानी पुलिसकर्मियों के डांस और विरोध में भाग लेने का वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. काफी लोग इस अनोखे अंदाज़ वाले प्रदर्शन का वीडियो शेयर भी कर रहे है. हालांकि, वीडियो वायरल होने के बाद खैबर पख्तूनख्वा में पीटीआई सरकार ने सख्ती बरती है. जिला पुलिस अधिकारी ने शांति विरोध में भाग लेने वाले पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
Policemen from Lower Waziristan also participated in the “Aman Dharna” demanding peace in the area. However; the district police officer has suspended the police officers for the Atan “Dancing for peace as a sign of protest” after the video went viral, a communique states. pic.twitter.com/laVEINyeij
— Iftikhar Firdous (@IftikharFirdous) January 8, 2023
बड़े पैमाने पर हुआ था विरोध
पिछले हफ्ते, दक्षिणी वजीरिस्तान में तालिबान आतंक की वापसी के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे थे. विरोध प्रदर्शन वाना के पड़ोस रुस्तम बाजार के पास हुआ था. प्रदर्शनकारियों में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, अवामी नेशनल पार्टी, नेशनल डेमोक्रेटिक मूवमेंट ,जमात-ए-इस्लामी, पश्तून तहफुज मूवमेंट और पख्तूनख्वा मिल्ली सहित कई राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. इसके अलावा नागरिक समाज संगठन, वकील, व्यापारी और आम जनता भी अपना समर्थन दिखाने के लिए रैली में शामिल हुए थे.
खैबर पख्तूनख्वा में ज्यादा प्रभाव
दक्षिण वजीरिस्तान खैबर पख्तूनख्वा में स्थित है जो तालिबान आतंक से गंभीर रूप से प्रभावित है. नवंबर 2022 में टीटीपी की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध की घोषणा के बाद पाक ने आतंकी हमलों में बड़ी वृद्धि देखी है. अफगानिस्तान स्थित आतंकवादी समूह ने 28 नवंबर को सरकार के साथ संघर्ष विराम समझौते को रद्द कर दिया था. इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा, बलूचिस्तान और यहां तक कि इस्लामाबाद में भी आतंकी हमले हुए. 2022 एक दशक से अधिक समय में पाकिस्तान के सुरक्षाकर्मियों के लिए सबसे घातक महीने के साथ समाप्त हुआ है.
बढ़ रहा है तनाव
तीव्र हमलों ने इस्लामाबाद और अफगान तालिबान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, जो लंबे समय से सहयोगी हैं. अफगान तालिबान के संदर्भ में, 2 जनवरी को राजनीतिक और सैन्य नेतृत्व ने कहा कि किसी भी देश को देश के खिलाफ हमले करने वाले आतंकवादियों को शरण देने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
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