पाकिस्तान में प्रधानमंत्री का तख्तापलट करने की तैयारी हो गई है. इमरान के करीबी भी उनके साथ नहीं है. करीब 14 सांसद भी विपक्ष के साथ नजर आ रहे हैं, जिसके चलते इन्हें पार्टी की तरफ से नोटिस भेजा गया है. इस बीच इमरान के करीबी बागियों पर भड़के नजर आ रहे हैं. इमरान सरकार की सेना के साथ रिश्तों में भी दरार नजर आ रही है और 28 मार्च को इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का टेस्ट होगा.


वहीं पाकिस्तान सरकार के सूचना मंत्री फवाद खान ने कहा कि इमरान खान सरकार कहीं नहीं जा रही है. जो लोग इमरान खान को छोड़कर गए वो भी अच्छी तरह इस बात को समझ लें. इमरान के बिना पाकिस्तान में लोकतंत्र संभव नहीं है. वहीं अविश्वास प्रस्ताव पर इमरान खान ने कहा है कि ज़मीर ख़रीदने में पैसा खर्च हो रहा है. उन्होंने कहा कि यह सिंध सरकार और और जनता का पैसा है. अविश्वास प्रस्ताव से लोगों का पर्दाफाश हो गया है कि किस तरह लोगों से चुराए गए पैसों को ठिकाने लगा दिए गया.


पाकिस्तान की संसद में 342 सांसद हैं, जिसमें से इमरान के पक्ष में 176 सांसद हैं (3 का बाहर से समर्थन है यानी 179). इन 176 सांसदों में से पीटीआई के 155, एमक्यूएम (पी) के 7, पीएमएल (क्यू) के 5 और बीएपी के 5 सांसद हैं. पीटीआई के पास कुल 155 प्लस का गणित है. जबकि सहयोगी दल 21 है जिसको जोड़कर आंकड़ा फिलहाल बहुमत में है. सरकार में बने रहने के लिए 172 का आंकड़ा चाहिए. वहीं विपक्षी दलों के 162 सांसद हैं. अगर इमरान के करीबी उनके खिलाफ जाते हैं तो इमरान का कुर्सी पर बने रहना संभव नहीं है.


इस बीच इमरान खान ने पार्टी नेताओं की एक मीटिंग बुलाई है. सरकार पर मंडरा रहे खतरे के बीच सेना प्रमुख ने भी इमरान खान से मुलाकात की है. दरअसल पीटीआई के संस्थापक सदस्य हजीब हारुन जैसे नेताओं ने कहा है कि इमरान खान को कुर्सी छोड़ देनी चाहिए. नजीब हारून के अलावा आमिर तलाल और अफजल खान जैसे उनकी पार्टी के दिग्गज नेता ही इमरान को कुर्सी छोड़ने के लिए कह रहे हैं.


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