Pakistan: इस्लामाबाद में इमरान खान और उनके 150 समर्थकों के खिलाफ केस दर्ज, अदालती आदेश को लागू करने से रोकने का आरोप
Pakistan Political Crisis: 28 फरवरी को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जफर इकबाल ने तोशखाना मामले में लगातार अदालत में पेश नहीं होने पर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था.
Pakistan Toshakhana Controversy: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी (पीटीआई) के 150 कार्यकर्ताओं के खिलाफ अदालती आदेश को लागू करने से रोकने के आरोप में केस दर्ज किया गया है. 5 मार्च को इस्लामाबाद पुलिस पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान को गिरफ्तार करने पहुंची थी. इस दौरान काफी हंगामा हुआ था. इमरान के समर्थकों ने पुलिस को रोक दिया था.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस्लामाबाद पुलिस की एक टीम रविवार को अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में गिरफ्तार करने के लिए उनके लाहौर आवास पर पहुंची थी, लेकिन लाहौर में खान के जमां पार्क आवास के बाहर पुलिस को पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा था. अंत में टीम इस आश्वासन के बाद लौट गई कि वह (इमरान खान) सात मार्च को खुद अदालत में पेश होंगे.
रेस कोर्स पुलिस थाना प्रभारी ने दर्ज कराया केस
वहीं पुलिस ने वहां से जाने के बाद अलग ही कार्रवाई कर दी. ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ अखबार के मुताबिक, इमरान खान और उनकी पार्टी के 150 कार्यकर्ताओं के खिलाफ सोमवार को पुलिस ने रेस कोर्स पुलिस थाना प्रभारी (एसएचओ) नदीम ताहिर की शिकायत पर दर्ज कर लिया.
पाकिस्तान में तोशाखाना क्या है?
तोशाखाने का मतलब ऐसे कमरे से है जहां राजा या अमीरों के कपड़े, गहने और महंगी चीजें जैसे कि उपहार आदि संभालकर रखे जाते हैं. पाकिस्तान में सरकार के संग्रहस्थान को तोशाखाना नाम दिया गया है, जिसे अंग्रेजी में स्टेट डिपॉजिटरी भी कहते हैं. पाकिस्तान के कानून के मुताबिक, विदेशों से या विदेशी मेहमानों से मिले उपहारों को इसी तोशाखाने में जमा कर दिया जाता है. प्रधानमंत्री अगर उपहार अपने पास रखना चाहे तो उसे उसका मूल्य चुकाना होगा. इन उपहारों की नीलामी भी की जा सकती है. नीलामी से अर्जित धन सरकारी खजाने में ही जाएगा. कुल मिलाकर प्रधानमंत्री को मिला उपहार राष्ट्र की संपत्ति है.
तोशाखाना विवाद में इमरान कैसे फंसे?
इमरान को प्रधानमंत्री रहते हुए उनकी विदेश यात्राओं या किसी प्रकार की आधिकारिक यात्रा के दौरान करीब साढ़ 14 करोड़ रुपये के ऐसे उपहार मिले थे. उपहारों को तोशाखाने में जमा भी कर दिया गया था. आरोप है कि इमरान खान ने तोशाखाने में जमा किए उपहारों को सस्ते में (2.15 करोड़ रुपये में) खरीद लिया और फिर ज्यादा कीमत में बाजार में उन्हें बेच दिया और पांच करोड़ रुपये से ज्यादा धन मुनाफे के तौर कमा लिया. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन उपहारों में एक ग्राफ घड़ी, एक जोड़ा कफलिंक, एक कीमती पेन, एक अंगूठी और रोलेक्स की चार घड़ियां भी शामिल थीं. यह भी आरोप है कि इमरान ने इस पूरे काम को अंजाम देने के लिए सरकारी कानून में परिवर्तन भी किया.
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