Pakistan Political Crisis: संघीय सूचना मंत्री मंत्री फवाद चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने धमकी पत्र की सामग्री को कल नेशनल असेंबली में पेश करने का फैसला किया है, जिसमें कथित तौर पर प्रधानमंत्री इमरान खान को बाहर करने के लिए रची गई एक विदेशी साजिश के "सबूत" शामिल हैं. उन्होंने एक जांच आयोग का भी गठन किया जाएगा जो कि कथित साजिश की जांच करेगा.


संघीय कैबिनेट की बैठक के बाद एक चौधरी ने दावा किया कि "सिफर के मूल रिकॉर्ड, जो केवल सरकार के पास उपलब्ध हैं, संसद के सामने रखे जाएंगे." उन्होंने कहा, "अगर उसके बाद भी, वे [विपक्ष] अविश्वास मत के साथ जाना चाहते हैं, तो पाकिस्तान के लोग तय करेंगे कि कौन कहां खड़ा है."


चौधरी ने खुलासा किया कि लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) तारिक खान के नेतृत्व में आयोग अविश्वास प्रस्ताव के पीछे के सभी "चरित्रों" की जांच करेगा और उन्हें राष्ट्र के सामने उजागर करेगा. 


'आयोग स्थानीय आकाओं का भी खुलासा करेगा'
मंत्री ने कहा, "आयोग उन स्थानीय आकाओं का भी खुलासा करेगा जो इस विदेशी साजिश को आगे बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे." उन्होंने कहा, "बेशक, इसमें विपक्ष के सभी लोग शामिल नहीं थे. लेकिन कुछ लोग ऐसे थे जो जानते थे कि साजिश क्या थी, इसके पीछे कौन था और यह कहां से आया था." उन्होंने दावा किया कि अविश्वास प्रस्ताव  के लिए एक "विदेशी दूतावास" द्वारा आठ असंतुष्ट एमएनए से सीधे संपर्क किया गया था.


चौधरी ने कहा, "हमारी खुफिया एजेंसियों के पास उनकी बैठकों का रिकॉर्ड है. चौधरी ने कहा, “यह आयोग बैठकों की समीक्षा करेगा, [उनमें] क्या चर्चा की गई, प्रतिबद्धताएं [उनमें] और योजना कैसे बनाई गई थी." . उन्होंने कहा कि आयोग 90 दिनों के भीतर उपरोक्त बिंदुओं की समीक्षा करेगा और अपनी जांच टीम बनाएगा.


सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बारे में बात करते हुए, चौधरी ने कहा कि अदालत के फैसले ने संकेत दिया कि नेशनल असेंबली के वर्चस्व को न्यायपालिका में स्थानांतरित कर दिया गई है. उन्होंने शीर्ष अदालत से अपने फैसले की समीक्षा करने का आग्रह किया.


सुप्रीम कोर्ट ने दिया इमरान को झटका 
बता दें उच्चतम न्यायालय ने गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने के नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी के विवादास्पद फैसले को रद्द कर दिया. शीर्ष अदालत ने नेशनल असेंबली को बहाल करने का आदेश देते हुए कहा कि संसद भंग करने और चुनाव कराने का प्रधानमंत्री इमरान खान का कदम ‘‘असंवैधानिक’’ था.


शीर्ष अदालत ने स्पीकर को 9 अप्रैल को सुबह 10 बजे नेशनल असेंबली का सत्र बुलाने का आदेश दिया ताकि अविश्वास प्रस्ताव पर मतविभाजन किया जा सके. अदालत ने आदेश दिया कि यदि अविश्वास प्रस्ताव पारित हो जाता है तो नए प्रधानमंत्री का चुनाव कराया जाए.


यह भी पढ़ें:


अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले इस्तीफा देंगे इमरान खान? मिले ये संकेत


श्रीलंका के मुख्य विपक्षी दल ने कहा- सरकार ने अगर वित्तिय संकट खत्म करने के लिए नहीं उठाए कदम तो लाएंगे अविश्वास प्रस्ताव