पाक PM इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज-संसद भंग, विपक्ष का नेशनल असेंबली पर कब्जा, अब आगे क्या...
पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री फारूख हबीब ने कहा कि चुनाव 90 दिनों के अंदर कराये जाएंगे. इन 90 दिनों तक इमरान खान केयर टेकर प्रधानमंत्री रहेंगे.
पाकिस्तान में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो चुका और संसद को भी भंग किया जा चुका है. वहीं विपक्ष अब भी नेशनल असेंबली में मौजूद है और खुद ही शहबाज शरीफ को नया प्रधानमंत्री चुन लिया है. विपक्ष लगातार आरोप लगा रहा है कि इमरान खान ने संविधान का उल्लंघन किया है. वहीं पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री फारूख हबीब ने कहा कि चुनाव 90 दिनों के अंदर कराये जाएंगे. इन 90 दिनों तक इमरान खान केयर टेकर प्रधानमंत्री रहेंगे. पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर रविवार को नेशनल असेंबली भंग कर दी. सत्ता बचाने की कवायद में जुटे खान ने इससे कुछ मिनटों पहले उन्हें नए सिरे चुनाव कराने की सलाह दी थी.
वहीं पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में धरने पर बैठी विपक्षी पार्टियों ने संसद पर कब्ज़ा कर लिया है. विपक्ष ने अयाज़ सादिक को अपना स्पीकर चुन लिया है और अविश्वास प्रस्ताव पर खुद ही वोटिंग भी करा ली है. विपक्ष का कहना है कि अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 195 वोट पड़े हैं. पाकिस्तान में सियासी उठापटक के बीच पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट एक्शन में आ गया है. मामले की सुनवाई के लिए एक स्पेशल बेंच गठित की गई है. प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक शाहबाज गिल ने कहा, 'विपक्ष से अनुरोध है कि बच्चों के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को विधानसभा से बाहर करें. वह अड़े हैं कि मुझे प्रधानमंत्री बनना है. उन्हें बताएं कि खेल खत्म हो गया है. अब फैसला जनता को करना है.'
मरियम नवाज और बिलावल भुट्टो बोले ये
मरियम नवाज़ शरीफ ने कहा है कि अपनी सीट बचाने के लिए किसी को भी पाकिस्तान के संविधान को विकृत करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. अगर इस पागल और जुनूनी व्यक्ति (इमरान खान) को इस अपराध के लिए दंडित नहीं किया जाता तो आज के बाद इस देश में जंगल का कानून लागू होगा.'' पीपीपी के चीफ बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि सरकार ने संविधान का उल्लंघन किया है. अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान नहीं होने दिया. संयुक्त विपक्ष संसद नहीं छोड़ रहा है. हमारे वकील सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. हम सभी संस्थानों से पाकिस्तान के संविधान की रक्षा करने, उसे बनाए रखने, बचाव करने और उसे लागू करने का आह्वान करते हैं.
पाकिस्तान में आखिर ये हुआ क्या
सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा कि राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री की सलाह पर नेशनल असेंबली भंग कर दी है. उन्होंने कहा कि चुनाव 90 दिनों के भीतर कराए जाएंगे. पाकिस्तानी मंत्री फवाद चौधरी ने कहा है कि संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत प्रधानमंत्री इमरान खान अपने कर्तव्यों को जारी रखेंगे. मंत्रिमंडल भंग कर दिया गया है. अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के बाद अब इमरान चुनाव तक कार्यकारी पीएम बने रहेंगे. उधर संसद में विपक्ष जोरदार प्रदर्शन कर रहा है. विपक्ष ने धरना देने की धमकी दी है. इससे पहले 342 सदस्यीय संसद में बहुमत गंवा चुके प्रधानमंत्री खान ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी द्वारा संसद के हंगामेदार सत्र को स्थगित किए जाने के बाद देश को संबोधित किया.
इमरान खान ने कहा- विदेशी षडयंत्र नाकाम
खान ने अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने के लिए आवाम को बधाई देते हुए कहा कि डिप्टी स्पीकर ने ‘‘सत्ता बदलने की कोशिश और विदेशी षडयंत्र को नाकाम’’ कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मुल्क नए चुनावों के लिए तैयार रहे.’’ उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव असल में एक ‘‘विदेशी एजेंडा’’ है. खान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को नेशनल असेंबली भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने की सलाह दी है. उनकी घोषणा से कुछ मिनट पहले ही नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने रविवार को खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया. विपक्ष की ओर से अध्यक्ष असद कैसर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने के बाद सूरी ने संसद के अहम सत्र की अध्यक्षता की.
विपक्ष जब संसद पहुंचा तो क्या हुआ
विपक्ष के सदस्य जब संसद पहुंचे तो वे अविश्वास प्रस्ताव को लेकर आश्वस्त दिखाई दिए, लेकिन प्रस्ताव खारिज होने के बाद उन्होंने फैसले का विरोध किया. विपक्ष को खान को सरकार से बाहर करने के लिए 342 में से 172 सदस्यों के समर्थन की ज़रूरत है, जबकि उन्होंने दावा किया है कि उनके पास 177 सदस्यों का समर्थन है. खान 2018 में 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे और अब अपने राजनीतिक करियर के नाजुक मोड़ पर हैं, क्योंकि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने बहुमत खो दिया है. उनकी दो सहयोगी पार्टियों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया और विपक्ष के खेमे से हाथ मिला लिया था.
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