Political Vendetta: पाकिस्तान में राजनीतिक विरोधियों से 'बदले' का इतिहास काफी पुराना है. जुल्फिकार अली भुट्टो को पाकिस्तानी सेना ने ही रास्ते से हटा दिया, जबकि पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान की गोली मारकर हत्या कर दी गई. ज्यादातर राजनीतिक हत्याओं में सत्ता में बैठे लोगों का हाथ रहा. वर्तमान हालात ऐसे हो चुके हैं कि पड़ोसी मुल्क में राजनीतिक विरोधियों से बदला लेना आम बात हो चली है. 


राजनीतिक विरोधियों से बदला लेने की बात इसलिए उठ रही है, क्योंकि इमरान खान को तो जेल में डाल दिया गया है. लेकिन अब बारी उनके साथियों की है. इन दिनों इमरान की पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' (PTI) के नेताओं की अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी हो रही है. आइए जानते हैं कि आखिर इन दिनों इमरान की पार्टी के नेताओं की गिरफ्तारी क्यों हो रही है और इसकी असली वजह क्या है. 


जेल पहुंचे इमरान खान


अगस्त से पहले हफ्ते में इमरान खान को तोशाखाना मामले में दोषी पाया गया. उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई और फिर अटक जेल भेज दिया गया. इन दिनों इमरान जेल की सलाखों के पीछे दिन काट रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री को जिस तरह से जेल भेजा गया है, वो अचरज भरा लगता है. आमतौर पर इस तरह के मामलों में बड़ी आसानी से बेल मिल जाती है और जेल जाने का सवाल पैदा नहीं होता है. 


कुल मिलाकर ऐसा लगता है कि उनके विरोधी और पाकिस्तानी सेना दोनों ही उनसे छुटकारा चाहते थे. इसलिए इमरान को जेल भेजा गया. जेल में इमरान की हालत ये हो गई है कि उन्हें हर एक छोटी से छोटी चीज के लिए गुजारिश करनी पड़ रही है. इमरान की पार्टी ने जेल में अपने नेता की जान को खतरा भी बताया है. मगर ऐसा लगता नहीं है कि पाकिस्तानी सरकार इस पर गंभीरता से सोच भी रही है. 


शाह महमूद कुरैशी की गिरफ्तारी


PTI के उपाध्यक्ष और इमरान के बाद पार्टी में दो नंबर की हैसियत रखने वाले शाह महमूद कुरैशी को शनिवार को गिरफ्तार किया गया. पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद की गिरफ्तारी 'सिफर' (गोपनीय कूटनीतिक केबल) मामले में हुई है. फेडरल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (FIA) सिफर मामले में लगातार इमरान की पार्टी के नेताओं से बातचीत कर रही है. इमरान ने दावा किया था कि उन्हें हटाने के पीछे विदेशी साजिश थी. 


गोपनीय कूटनीतिक दस्तावेज का मामला जब सामने आया तब कुरैशी विदेश मंत्री थे. सिफर को लेकर बताया गया कि इसमें दक्षिण और पश्चिमी एशियाई मामलों के सहायक अमेरिकी विदेश मंत्री डोनाल्ड लु और पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान की बातचीत की जानकारी है. FIA इस बात की जांच कर रही है कि क्या सच में इमरान को सत्ता से हटाने के पीछे विदेशी ताकतें शामिल थीं. 


शिरीन मजारी की बेटी गिरफ्तार


पीटीआई की पूर्व नेता और इमरान सरकार में मंत्री रहीं शिरीन मजारी की बेटी इमान मजारी की भी गिरफ्तारी हुई है. शिरीन ने बताया कि उनकी बेटी इमान को राजधानी इस्लामाबाद स्थित घर से गिरफ्तार किया गया है. इमान मजारी पाकिस्तान की प्रमुख वकील और सामाजिक कार्यकर्ता हैं, जिनके इमरान की पार्टी के साथ करीबी संबंध हैं. इस तरह इमरान के एक और करीबी को पुलिस उठा ले गई है. 


इमरान के साथियों की गिरफ्तारी की वजह


जेल में बंद इमरान खान भले ही अभी कमजोर मालूम पड़ते हैं. मगर उनकी राजनीतिक ताकत को कम करके आंकना गलत होगा. इमरान पाकिस्तान की सियासत का बड़ा नाम हैं. जिस तरह से इमरान खान देश में पॉपुलर हैं, ठीक वैसे ही उनके साथ के बाकी नेता भी. PTI नेताओं की गिरफ्तारी की मुख्य वजह राजनीतिक बदले जैसा मालूम पड़ता है, ताकि इमरान का मनोबल गिराकर PTI को कमजोर किया जा सके. 


अभी तक जितने भी नेताओं की गिरफ्तारी हुई है. उनमें से ज्यादातर पर भ्रष्टाचार, हेरफेर जैसे मुकदमे हैं, जिनमें आमतौर पर जमानत मिलना बेहद आसान है. इनमें से अधिकतर केस पिछले एक साल में दर्ज करवाए गए हैं या फिर इस दौरान उन पर सुनवाई में तेजी आई है. ये इस बात की ओर इशारा करता है कि सब कुछ सत्ता में बैठे हुक्मरानों के इशारे पर हो रहा है. उनका मकसद है इमरान को किसी भी तरह से कमजोर करना. 


सरकार क्यों ले रही 'बदला'?


पाकिस्तान में इस साल के आखिर तक चुनाव होने वाले हैं. अभी मुल्क कार्यवाहक सरकार के जरिए चल रहा है. कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर उल हक हैं, जिनके पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी मुस्लिम लीग (नवाज) के साथ करीबी संबंध हैं. इमरान खान भले ही जेल में बंद हैं, लेकिन उनकी पॉपुलैरिटी कम होने का नाम नहीं ले रही है. पिछले कुछ सालों में उन्होंने जिस तरह की राजनीति की है, उसने लोगों को प्रभावित किया है.


इमरान पाकिस्तानी मुस्लिम लीग (नवाज) जैसी पार्टियों को खुले तौर पर चुनौती दे रहे हैं. उनका कहना है कि इतने लंबे समय तक इन पार्टियों ने सरकार चलाई, मगर देश में कुछ भी काम नहीं हुआ. इमरान पाकिस्तानी सेना के खिलाफ बगावती हैं. आवाम भी कहीं न कहीं ये मानती है कि देश की दुर्दशा में सेना और पुरानी राजनीतिक पार्टियों का बड़ा हाथ है. इस वजह से वह इमरान को नए विकल्प के तौर पर देखती है. 


सरकार इस बात को भली-भांति जानती है कि आवाम इमरान के पीछे खड़ी है. यही वजह है कि उन्हें रास्ते से ही हटा दिया गया है. इमरान के जेल जाने के बाद भी उनकी पार्टी के इस साल चुनाव जीतने के आसार हैं. इस वजह से अब पार्टी के प्रमुख नेताओं को धीरे-धीरे हटाया जा रहा है. पाकिस्तानी मुस्लिम लीग (नवाज) जैसी पार्टियों ने सांठ-गांठ कर चुनाव जीतने का प्लान भी तैयार कर लिया है. 


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