Pakistan: PTI नेता बोले- 'मुफ्त आटे की आपूर्ति पाकिस्तान के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला', इमरान ने कहा- गिलानी जैसा होगा शहबाज शरीफ का हश्र
Imran Khan: पिछले साल पाकिस्तान की सत्ता से बेदखल कर दिए गए इमरान खान अब मौजूदा सरकार पर आए रोज जुबानी हमले कर रहे हैं. उनका कहना है कि शहबाज शरीफ अदालत की अवमानना के दोषी हैं.
Imran Khan Pakistan News: पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. इमरान और उनके सहयोगियों के खिलाफ देशभर में 100 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं और उन्हें भी जेल हो सकती है. इसके बावजूद PTI के नेता मौजूदा सरकार पर लगातार हमलावर हैं. PTI के नेता ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर निशाना साधते हुए कहा कि वे अदालत की अवमानना के दोषी हैं और अब फैसले का इंतजार है.
इमरान ने दावा किया कि शहबाज शरीफ को अदालत की अवमानना का आरोपी घोषित किया जाएगा. उन्होंने कहा, "पहले यूसुफ रजा गिलानी को अदालत की अवमानना के लिए दोषी पाया गया था और अब निवर्तमान प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का भी यही हश्र होगा."
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, पीटीआई नेता चौधरी परवेज इलाही के साथ बैठक में इमरान ने कहा कि मुख्यमंत्रियों की ओर से पंजाब और खैबर-पख्तूनख्वा सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे. उन्होंने कहा- 'मौजूदा हुकूमत कोर्ट के फैसले की अवहेलना कर गलत ट्रेंड चला रही है. इसके लिए मौजूदा वजीरे ए आजम के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.'
'चुनाव रोकने के लिए हर हथकंडा अपना रही सरकार'
वहीं, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता चौधरी परवेज इलाही ने कहा कि शहबाज शरीफ की हुकूमत मुल्क में चुनाव रोकने के लिए हर असंवैधानिक हथकंडे इस्तेमाल करवा रही है. उन्होंने कहा कि अक्षम शासकों को इसका जवाब देना होगा. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, चुनाव आयोग को हर हाल में पैसा आवंटित होना चाहिए ताकि चुनाव कराया जा सके. उन्होंने कहा कि सभी को लोकतंत्र की स्थिरता और सुरक्षा के लिए संविधान और कानून का पालन करना होगा.
'मुफ्त आटे की आपूर्ति देश के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला'
इमरान की अगुवाई वाली पार्टी के नेता ने कहा कि पाकिस्तान में मुफ्त आटा की आपूर्ति मुल्क के इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला है. परवेज इलाही ने कहा कि कार्यवाहक पंजाब सरकार के कार्यकाल में आटा-चीनी और खाद की तस्करी बढ़ी है और उनके प्रतिनिधि जन कल्याणकारी परियोजनाओं को स्थगित करने की वजह बन रहे हैं.