Pakistan Politics: जल्द चुनाव से दूर रहेगा पाकिस्तान? शहबाज शरीफ और असीम मुनीर की इस चाल में फंसे इमरान खान
Supreme Court On Pakistan Election: पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उम्मीद जगी थी कि अगले कुछ दिनों या महीनों में चुनाव हो सकते हैं लेकिन इन उम्मीदों पर अब पानी फिरता दिख रहा है.
Pakistan Election: हाल ही में पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देश में मई के महीने में चुनाव कराने को लेकर निर्देश दिया था तो उम्मीद जगी थी कि अब देश में जल्द ही चुनाव हो सकते हैं. फिलहाल इन उम्मीदों पर पानी फिरता दिख रहा है. इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में टीटीपी आतंकियों के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का एलान कर दिया है.
खास बात ये है कि टीटीपी आतंकियों के खिलाफ ये कार्रवाई 15 दिनों के अंदर करनी है. ऐसे में इसके पीछे एक बड़ी चाल बताई जा रही है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने सेना को सुरक्षा मुहैया कराने के लिए कहा है. अगर सेना आतंकियों के खिलाफ अभियान में व्यस्त रहेगी तो चुनाव में सुरक्षा कौन मुहैया कराएगा. ऐसे में न चाहते हुए भी चुनाव को टालना पड़ेगा. कुछ ऐसी ही चाहत शहबाज शरीफ और इसीम मुनीर भी रखते हैं.
आतंकवाद के बहाने इमरान खान पर निशाना
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री कार्यालय के एक बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ की अध्यक्षता में शुक्रवार (07 अप्रैल) को एनएससी की बैठक में निर्णय लिया गया जिसमें सशस्त्र बलों, खुफिया एजेंसियों और अन्य सैन्य और नागरिक अधिकारियों के प्रमुखों ने भाग लिया. बयान में आगे कहा गया, “एनएससी ने एक नए संकल्प, द्दढ़ संकल्प और वीरता के साथ देश से आतंकवाद के खतरे को खत्म करने के लिए सरकार और राष्ट्र के समर्थन से एक बहु-आयामी व्यापक अभियान को मंजूरी दी.’
समिति ने घोषणा की है कि आतंकवाद की हालिया लहर प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के खिलाफ नरम रुख और एक सुविचारित नीति की अनुपस्थिति का परिणाम थी, जिसे एक आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था, लेकिन जनता की उम्मीदों के खिलाफ और इच्छा, पिछली नीति के तहत आतंकवादियों को बिना किसी बाधा के लौटने की अनुमति थी.
संसद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पास हुआ प्रस्ताव
वहीं, गुरुवार (06 अप्रैल) को पाकिस्तानी संसद ने एक प्रस्ताव पास कर सुप्रीम कोर्ट के उस निर्णय को अस्वीकार कर दिया जिसमें 14 मई को पंजाब विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया गया था. संसद ने मांग की कि देश में कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच विवाद गहरा हो गया है इसका समाधान पूर्ण पीठ द्वारा किया जाना चाहिए. मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ ने बीते मंगलवार को पंजाब विधानसभा की नई तिथि 14 मई को नियत कर दी थी. पाकिस्तान चुनाव आयोग ने इससे पहले पंजाब में चुनाव की तिथि 10 अप्रैल से बढ़ाकर 08 अक्टूबर कर दी थी.
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