कोरोना वायरस महामारी के बीच पाकिस्तान की अवाम महंगाई से हैरान हो रही है. खाने-पीने के सामान में बढ़ोतरी का आलम ये है कि गेहूं का भाव 60 रुपये प्रति किलो तक हो गया है. गेहूं के दाम ने बढ़ोतरी के पिछले सारे रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया है. अभी तक पाकिस्तानियों को 60 रुपये प्रति किलो गेहूं खरीदने की जरूरत नहीं पड़ी थी.


पाकिस्तान में प्याज बिक रहा 90 रुपए प्रति किलो


बताया जा रहा है कि अगर दाम पर इमरान सरकार ने जल्द काबू नहीं पाया तो दिसबंर तक हालात भयावह हो सकते हैं. पाकिस्तान में साग-सब्जियों के दाम भी हवा में बात कर रहे हैं. प्रशासन की तरफ से जारी रेट लिस्ट के मुताबिक, प्याज 90 रुपए किलो, आलू 75 रुपए किलो के भाव पर जा पहुंचा है. इसके अलावा टमाटर का रंग भी पहले से बहुत ज्यादा लाल हो गया है. टमाटर की कीमत 150 रुपए जबकि अदरक का भाव 600 रुपए होने से लोगों की थाली से साधारण सब्जी भी दूर हो गई है.


खाने-पीने के अलावा सब्जियों के दाम में भी उछाल


मटर की बात की जाए तो प्रति किलो 225 रुपए, खीरा 117 रुपए, भिंडी 70 रुपए, फूलगोभी 80 रुपए में बिक रही है. ऐसा नहीं है कि खाने-पीने के दाम बढ़ने से सिर्फ अवाम परेशान हैं बल्कि विक्रेता भी महंगाई का रोना रोते नजर आ रहे हैं. अनाज एसोसिएशन ने सरकार से अपने लिए फंड मांगा है. इसके पीछे उसका तर्क है कि वक्त पर फसल पैदा होने से दाम में कटौती आएगी. हालांकि, ना तो केंद्र सरकार ने और ना ही किसी प्रांतीय सरकार ने इस बारे में कुछ आश्वासन दिया है.


पाकिस्तान की सरकार स्थिति का मुकाबला करने की कोशिश कर रही है. लेकिन उसकी कोशिश नाकाफी साबित हो रही है. इस बीच उसने रूस से करीब 2 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंगाने का फैसला किया है. सरकार पर गेहूं, चिकन और चीनी के दाम को फिक्स करने का भी दबाव बढ़ गया है.


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