पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पिछले दिनों अपनी रैली में साजिश वाली एक गुमनाम चिट्ठी का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए विदेश से साजिश रची गई है. उनके पास एक चिट्ठी है जिसमें सारे राज छिपे हैं. अब इस चिट्ठी को लेकर विपक्ष ने उन्हें घेर लिया है. विपक्ष का कहना है कि इमरान खान इस चिट्ठी को सार्वजनिक करें. वहीं खुद को घिरता देख इमरान खान ने इसे लेकर दलील दी है. उनका कहना है कि विदेश नीति के मद्देनजर वह इस लेटर को सार्वजनिक रूप से शेयर नहीं कर सकते. उनकी सरकार ने इसे मुख्य न्यायाधीश के साथ साझा करने की पेशकश की है.


'किसी के आगे सिर न झुकाने का वादा करूंगा पूरा'


पत्रकारों से बातचीत में इमरान खान ने बताया कि वह चीफ जस्टीस के साथ इसे शेयर सारे षडयंत्र का खुलासा करना चाहते हैं. उनहोंने कहा कि पहले भी वैश्विक शक्तियां पाकिस्तान में सरकारों को प्रभावित करने की कोशिश करती रहीं हैं. वह किसी के सामने सिर नहीं झुकाने के अपने वादे को पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव विफल होगा. उन्होंने ये भी बताया कि बलूचिस्तान आवामी पार्टी (बीएपी) के सांसद उनके संपर्क में हैं और बहुद जल्द वे सरकार में शामिल होंगे.  


'बड़े लक्ष्य के लिए लेने पड़ते हैं कठोर फैसले'


पाकिस्तान मुस्लीम लीग कायद (पीएमएल- क्यू) को पंजाब का सीएम पद देने के सवाल पर इमरान खान ने कहा कि उन्होंने काफी विचार-विमर्श के बाद यह फैसला किया. एक बड़े लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कठोर फैसले लेने पड़ते हैं. वहीं दूसरी ओर इमरान खान सरकार में केंद्रीय मंत्री असद उमर ने भी पत्रकारों से बात की और कहा कि उस साजिश वाली चिट्ठी को इमरान खान मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल के साथ शेयर करने को तैयार हैं. पीएम इस लेटर को सेना के अधिकरियों और कैबिनेट सदस्यों के साथ साझा कर चुके हैं.


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