Pakistan Promotes Lashkar-e-Taiba: आतंक का आका पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय दबाव के बावजूद आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की मदद कर रहा है. पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन को न सिर्फ संरक्षण दे रहा है, बल्कि खैबर पख्तूनख्वा और अफगानिस्तान में नए ठिकानों की स्थापना और आतंकियों की भर्ती में मदद भी कर रहा है. पाकिस्तान के शह पर इन ठिकानों में आतंकियों का प्रशिक्षण बेरोकटोक जारी है.
डेली सिख की रिपोर्ट के अनुसार, भले ही पाकिस्तान इस आतंकी संगठन और उसके गुर्गो पर कार्रवाई का दावा करता रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि इसमें भर्तियां कई गुना ज्यादा हो गई हैं. यही नहीं, लश्कर-ए-तैयबा, हक्कानी नेटवर्क और इस्लामिक स्टेट-खुरासान (आइएस-के) जैसे आतंकी संगठनों के साथ साझेदारी के जरिये अपना आधार मजबूत कर रहा है. इससे पहले, लश्कर जब 2008 के मुंबई हमलों में शामिल था, तब पाकिस्तान पर आतंकी संगठन के नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव था.
पाकिस्तान लश्कर के नेतृत्व का इस्तेमाल अफगानिस्तान में तालिबान को मजबूत करने के लिए कर रहा है. अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे में लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका अहम रही है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लश्कर और तालिबान दोनों को पाकिस्तान का संरक्षण प्राप्त रहा है. इसके कारण आतंकी संगठन को अफगानिस्तान में जड़ें मजबूत करने में आसानी हो रही है.
इमरान ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान का समर्थन करने का किया आग्रह
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में मानवीय संकट से बचने के लिए अपनी सामूहिक जिम्मेदारी निभाने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा, "दुनिया ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपना समर्थन दिया है कि वे (अफगानिस्तान के लोग) लगातार संघर्ष के बाद शांतिपूर्ण और स्थिर वातावरण में रह सकें." खान ने अफगानिस्तान को 5 बिलियन पीकेआर (29 मिलियन डॉलर) की मानवीय सहायता के तत्काल शिपमेंट का आदेश दिया, जिसमें गेहूं, आपातकालीन चिकित्सा आपूर्ति, शीतकालीन आश्रय और अन्य आपूर्ति सहित खाद्य वस्तुएं शामिल होंगी.
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