Pakistan On Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन होने जा रहा है. इसको लेकर जोर-शोर से तैयारियां चल रही है. देशभर के राम मंदिर को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं. हालांकि, भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के लोग राम मंदिर के बनने पर बेहद गुस्से में नजर आ रहे हैं. इसी पर प्रतिक्रिया लेने के लिए महिला यूट्यूबर सना अमजद जनता के बीच पहुंची. उन्होंने लोगों से राम मंदिर को लेकर सवाल किया.
सना अमजद के राम मंदिर से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए एक पाकिस्तानी युवाओं का ग्रुप काफी गुस्से में नजर आया. उन्होंने राम मंदिर के बनाए जाने पर कहा कि हम इसके खिलाफ है. ये इंडिया के दोगलेपन को दिखाता है. उन्होंने सबसे पहले बाबरी मस्जिद को गिरा दिया. उसके बाद उसी जगह पर मंदिर बना रहे हैं. इस तरह से वो मुसलमानों के जज्बातों के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं. हम सब मिलकर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेंगे. हम से जो भी होगा वो करेंगे.
इंटरनेशनल लेवल पर ले जाएंगे मंदिर का मुद्दा
पाकिस्तानी अवाम ने राम मंदिर को बनाए जाने पर कहा कि भारत जिस डेमोक्रेसी की बात करता है, वो बिलकुल नहीं दिखी. उन्होंने बाबरी मस्जिद को तोड़ने के बाद राम मंदिर बनाया है. इससे पूरे मुस्लिम जगत के लोगों को ठेस पहुंची है. हम इसके खिलाफ बहुत बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे. हमे चाहते हैं कि हमारे नेता राम मंदिर के मुद्दे को इंटरनेशनल लेवल पर लेकर जाए और विरोध करे.
पाकिस्तानी शख्स ने खोली पोल
एक पाकिस्तानी शख्स यूट्यूबर से बात करते हुए राम मंदिर के बारे में सच्चाई बताते हुए पाकिस्तान की ही पोल खोल दी. उन्होंने कहा कि कहा ये बिलकुल सच बात है कि बाबरी मस्जिद की जगह पर पहले मंदिर हुआ करता था. इसके सारे सबूत भारत में हिंदू पक्ष वालों ने दिखाए है. हम बात करते हैं कि भारत में मस्जिदें तोड़ी गईं, लेकिन कभी ये नहीं बताते कि पाकिस्तान में कितनी मंदिरें तोड़ी गई हैं. इसकी संख्या काफी ज्यादा है.
पाकिस्तान में मंदिरों की स्थिति
पाकिस्तान हिंदू राइट्स मूवमेंट के अनुसार आजादी के वक्त साल 1947 के दौरान पाक में 428 मंदिर मौजूद थे. लेकिन 1990 के दशक में 408 मंदिरों को रेस्टोरेंट, होटल, सरकारी स्कूल या मदरसे में तब्दील कर दिया गया. इस तरह की घटनाएं आए दिन होती रहती है, जब पाकिस्तान में हिंदू मंदिरों को बेवजह तोड़ दिया जाता है. इमरान खान के प्रधानमंत्री रहते हुए, जब एक मंदिर को बनाए जाने के लिए पैसे देने की बात की गई तो पाकिस्तानी अवाम ने बहुत हो-हल्ला किया था. इसके बाद मंदिर को बनाए जाने का काम रोक दिया गया था.