'नौकर बन गए हैं पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, कोई वास्तविक शक्ति नहीं है उनके पास', शहबाज शरीफ को इस शख्स ने सुनाई खरी-खोटी
PM Shehbaz Sharif : पीएम शहबाज शरीफ ने गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार इमरान खान की पार्टी के साथ वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए संसदीय समिति का गठन के लिए तैयार है.

Pakistan PM Shehbaz Sharif : पाकिस्तान नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता उमर अयूब ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर जमकर निशाना साधा और उन्हें खूब खरी-खोटी सुनाई. शहबाज की आलोचना करते हुए विपक्षी नेता ने उन्हें बिना शक्ति वाला नौकर कह दिया. उमर अयूब ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की भूमिका को नेशनल एसेंबली में नौकर और क्लर्क के तौर पर पेश किया और दावा किया कि उनके पास कोई वास्तविक शक्ति नहीं है.
उल्लेखनीय है कि विपक्षी नेता उमर अयूब का यह बयान पूरे पाकिस्तान में चर्चा का विषय बना हुआ है. उनका यह बयान पीटीआई और पाकिस्तानी सरकार के बीच बातचीत विफल होने के बाद आया है. बता दें कि पीटीआई प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसदीय समिति के माध्यम से सरकार के साथ रुकी हुई वार्ता को फिर से शुरू करने की पेशकश को नकार दिया है.
शहबाज शरीफ ने मंत्रिमंडल की बैठक को किया संबोधित
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने गुरुवार (30 जनवरी) को मंत्रिमंडल की बैठक को संबोधित किया. इसमें उन्होंने कहा कि सरकार इमरान खान की पार्टी के साथ वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए संसदीय समिति का गठन करने के लिए तैयार है. वहीं, पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी ने 9 मई, 2023 औऱ 26 नवंबर, 2024 की घटनाओं की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन न करने पर वार्ता को बंद कर दिया है.
वार्ता शुरू करने की पेशकश खारिज
पाकिस्तानी नेशनल एसेंबली में विपक्ष के नेता उमर अयूब ने कहा, “हम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की वार्ता को फिर से शुरू करने की पेशकश को खारिज करते हैं.” उन्होंने पार्टी की मांगों को दोहराते हुए कहा, “हमारी मांगें बिल्कुल स्पष्ट हैं. हम सभी राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग करते हैं.”
इमरान खान के निर्देश पर पार्टी ने वार्ता का किया बहिष्कार
पाकिस्तानी सरकार और इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के बीच वार्ता पिछले सप्ताह तब अटक गई, जब पार्टी अपने संस्थापक इमरान खान के निर्देश पर वार्ता से बाहर निकल गई. यहां तक कि विपक्ष ने मंगलवार (28 जनवरी) को हुए चौथे दौर की बैठक में भी भाग नहीं लिया.
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