Pakistan Public Criticized Hindu Religion: भारत और पाकिस्तान के बीच में हुए बंटवारे की सबसे बड़ी वजह धर्म को माना जाता है. पाकिस्तानी नेता मोहम्मद अली जिन्ना की ने इस्लामिक धर्म के मुताबिक पाकिस्तान देश की स्थापना की. आजादी के बाद से दोनों ने देशों ने अपने आगे का सफर तय किया. हालांकि, इन 76 सालों के दौरान एक तरफ भारत जहां सेक्युलर देश की तरह अपनी पहचान बनाए रखा है. उधर ही पाकिस्तान शुरू से ही इस्लामिक देश होने के तमगा टांगे हुए है.


हाल ही में पाकिस्तान के यूट्यूबर ने आवाम के बीच जाकर हिंदू और मुस्लिम धर्म के बारे में प्रतिक्रिया ली. इस दौरान उन्होंने आवाम से पूछा कि क्या आप मस्जिद के बगल में मंदिर बनाने की इजाजत देंगे. इस पर उन्होंने कहा कि नहीं हम ऐसा नहीं करने देगें क्योंकि पाकिस्तान एक इस्लामिक देश है. वहीं एक पाकिस्तानी बुर्जुग शख्स ने हिंदू धर्म पर विवादित बयान देने से बाज नहीं आया. उन्होंने कहा कि हिंदू धर्म की कोई बुनियाद नहीं है. वे लोग धर्म के नाम पर कुछ नहीं करते हैं. हिंदू धर्म सबसे बुरा धर्म है.


दूसरे धर्म के धार्मिक स्थल पर दिया बयान
पाकिस्तानी यूट्यूबर मुज्जमिल ने आवाम से पूछा कि क्या पाकिस्तान में किसी दूसरे धर्म को अपने धार्मिक स्थल बनवाने चाहिए. इस पर पाकिस्तानी शख्स ने साफ मना कर दिया. पाकिस्तानी शख्स ने कहा कि मैं भारत 25 दफा जा चुका हूं. जहां मुस्लिम लोगों के साथ गलत बर्ताव किया जाता है. मैं भी चाहता हूं कि पाकिस्तान में हिंदुओं के खिलाफ नफरत करनी चाहिए. हमें इस्लाम धर्म को पूरी दुनिया में फैलाना चाहिए. इसका बोल बाला सारी दुनिया में है.




पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी
एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में बंटवारे के वक्त हिंदुओं की आबादी 21 फीसदी थी, जो अब घटकर 1 फीसदी से भी कम रह गई है. ऐसा दावा किया जाता है कि पाकिस्तान में हिंदू धर्म को जबरदस्ती इस्लाम धर्म कबूल करने पर मजबूर किया जाता है. सिंध इलाके में रहने वाले हिंदू समुदाय के लोग अक्सर ऐसी घटना के शिकार होते है. आपको बता दें कि पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक वहां अल्पसंख्यकों को प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति या किसी तरह के ऊंचे पोस्ट पर काबिज होने का हक नहीं दिया गया है.


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