Pakistan Army Act: पंजाब की कार्यवाहक सरकार ने आज मंगलवार (16 मई) को पाकिस्तानी सेना अधिनियम के अनुसार, सार्वजनिक और निजी संपत्तियों के साथ-साथ सैन्य प्रतिष्ठानों की तोड़फोड़ में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मंजूरी दे दी है. ये फैसला इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के कार्यकर्ताओं की तरफ से किए गए विरोध प्रदर्शन के बाद लिया गया.


पंजाब के कार्यवाहक मुख्यमंत्री मोहसिन नक़वी की अध्यक्षता में हुई बैठक में हिंसा में शामिल व्यक्तियों को जल्दी पकड़ने के निर्देश के साथ उनके खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला लिया गया.


जल्द से जल्द गिरफ्तार करने का आदेश


पंजाब सरकार ने अधिकारियों को आतंकवादी कामों के लिए जिम्मेदार अपराधियों की सही पहचान करने के लिए सभी सुरक्षा संस्थानों के बीच इंटर-एजेंसी को सहयोग करने के लिए प्राथमिकता देने का निर्देश दिया गया. मुख्यमंत्री मोहसिन नकवी ने बैठक को सूचित किया कि जांच करने वाले दोषियों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी करें.


इसमें शामिल अपराधियों की पहचान करने के लिए जांच करने वाली टीम सीसीटीवी रिकॉर्डिंग का विश्लेषण भी कर रहे हैं. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान सेना ने लगभग 250 लोगों से ज्यादा को गिरफ्तार किया है. इनमें से कई लोग रावलपिंडी GHQ में हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया है. एक आंकड़े के मुताबिक प्रदर्शनकारियों ने लगभग 25 करोड़ की संपत्ति को तहस-नहस कर दिया है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने लगभग कई पुलिस स्टेशन को भी अपना शिकार बनाया.


मिल सकती है मौत की सजा


पाकिस्तान में सरकार के अलावा सेना का किसी भी आंतरिक मामले में बेहद की महत्वपूर्ण रोल होता है. वहां की सेना सरकार को कई चीजों के लिए निर्देश भी देती है. इस बार भी आर्मी ने सरकार को आर्मी एक्ट लगाने की बात कही. आर्मी एक्ट को ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट भी कहते हैं.


इसकी मदद से देश की सेना अपनी तरफ से दोषियों को गंभीर सजा दे सकती है. इसके तहत पूर्व पीएम इमरान के कार्यकर्ताओं के ऊपर गंभीर आरोप लगाकर उम्र कैद की सजा से लेकर मौत की सजा तक दी जा सकती है.


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